क्या भारत के जीएसटी राजस्व में सितंबर में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपए हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी राजस्व में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- यह 1.89 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
- सरकार ने जीएसटी व्यवस्था में सुधार के संकेत दिए हैं।
- मजबूत कर संग्रह ने आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा दिया है।
- उपभोक्ता खर्च में कमी के बावजूद वृद्धि दर्ज की गई।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का जीएसटी राजस्व सितंबर में सालाना आधार पर 9.1 प्रतिशत बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
यह चार महीनों में सबसे अधिक वृद्धि दर है और लगातार नौ महीनों तक मासिक संग्रह 1.8 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहने की यह सिलसिला जारी है। अगस्त में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में, यह चार महीनों में सबसे तेज उछाल है।
गैर-जरूरी सामान पर उपभोक्ता खर्च में कमी के बावजूद, जीएसटी राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, क्योंकि खरीदारों ने जीएसटी रेट में कटौती की उम्मीद में खरीदारी टाल दी थी।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में जीएसटी संग्रह 5.71 लाख करोड़ रुपए रहा, जो सालाना आधार पर 7.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, लेकिन यह पिछली तिमाही के 11.7 प्रतिशत की वृद्धि से कम है।
बाहरी क्षेत्र के बढ़ते जोखिमों के बीच, घरेलू विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को देखते हुए, सरकार ने जीएसटी व्यवस्था में सुधार की घोषणा की है।
इससे उपभोक्ताओं पर कर का बोझ कम होने, खपत में वृद्धि और टैरिफ के प्रभाव से राहत मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा, जीएसटी सुधार से कंपनियों को मांग की बेहतर जानकारी मिलेगी, जिससे वे अतिरिक्त क्षमता में निवेश बढ़ा सकेंगी।
इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को भारत के जीडीपी अनुमान को 30 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया।
इस महीने की शुरुआत में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा था कि घरेलू मांग, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कुछ हद तक कम करेगी और अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ती रहेगी।
हाल के महीनों में मजबूत कर संग्रह ने देश की राजकोषीय स्थिति और आर्थिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद की है, जिससे स्थिर विकास सुनिश्चित होता है।
केंद्र सरकार ने अधिकांश वस्तुओं पर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो-स्लैब जीएसटी रेट लागू किए हैं, जबकि सिगरेट, तंबाकू और मीठे पेय जैसे हानिकारक उत्पादों पर 40 प्रतिशत का अलग से अधिक कर लगाया गया है।