क्या नोएडा के पार्कों में रावण दहन पर प्रतिबंध का आदेश वायरल हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- नोएडा में रावण दहन पर विवादास्पद आदेश जारी किया गया है।
- आदेश ने स्थानीय आरडब्ल्यूए में हड़कंप मचाया है।
- प्राधिकरण का कहना है कि यह एनजीटी के नियमों का उल्लंघन है।
- स्थानीय निवासियों में आक्रोश है।
- आधिकारिक स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा की जा रही है।
नोएडा, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दशहरे से पहले, नोएडा प्राधिकरण का एक विवादास्पद आदेश सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है। इस आदेश में उद्यान खंड-1 के सभी पार्कों में रावण दहन, दशहरा उत्सव या किसी भी तरह की सार्वजनिक गतिविधियों पर रोक लगाने की बात कही गई है।
आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन पार्कों में रावण के पुतले का दहन करता है तो इसे एनजीटी (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आदेश के जारी होते ही आरडब्ल्यूए और हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आदेश की कॉपी वायरल की और प्राधिकरण से स्पष्टीकरण मांगा।
यह बात चौंकाने वाली है कि यह आदेश प्राधिकरण के सह निदेशक (उद्यान) द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए जारी किया गया था। प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी। मामले के तूल पकड़ने पर प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि जो भी सोसाइटी या आरडब्ल्यूए रावण दहन के लिए अनुमति मांगते हैं, उन्हें विधिवत अनुमति दी जाती है। संभव है कि सह निदेशक ने बिना उच्च अधिकारियों को बताए आदेश जारी किया हो।
इस विवाद पर डिप्टी डायरेक्टर आनंद मोहन ने बयान दिया कि प्राधिकरण की ओर से ऐसा कोई प्रतिबंधित आदेश औपचारिक रूप से जारी नहीं किया गया है। नोएडा में रावण दहन और दशहरा उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।
स्थानीय निवासियों और आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने सवाल उठाया है कि जब पार्कों में नियमित रूप से योग शिविर, मैराथन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजनीतिक सभाएं आयोजित होती हैं, तो केवल धार्मिक उत्सवों पर रोक क्यों? फिलहाल प्राधिकरण से आधिकारिक लिखित स्पष्टीकरण का इंतजार किया जा रहा है। एक बात स्पष्ट है, एक आंतरिक आदेश ने पूरे शहर की दशहरा तैयारियों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है।