क्या राजद और शहाबुद्दीन का परिवार सीवान में आतंक के लिए जिम्मेदार हैं?
सारांश
Key Takeaways
- हिमंत बिस्वा सरमा का आरोप राजद और शहाबुद्दीन के परिवार पर।
- सीवान में आतंक फैलाने का आरोप।
- नागरिकों से अपील की कि वे इस परिवार को खारिज करें।
- राम मंदिर आंदोलन का संदर्भ दिया गया।
- योगी आदित्यनाथ का मोहिउद्दीन नगर का नाम बदलने का वादा।
पटना, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को राजद और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के परिवार पर तीखा हमला किया। उन्होंने उन पर सीवान में आतंक फैलाने का आरोप लगाया और वोटरों से उन्हें खारिज करने की अपील की।
रघुनाथपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, सीएम सरमा ने कहा कि शहाबुद्दीन परिवार ने इस क्षेत्र में हत्या का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने लोगों से इस दाग को मिटाने के लिए एनडीए और नीतीश कुमार के साथ एकजुट होने की अपील की।
राजद उम्मीदवार पर इशारों-इशारों में हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सभी ओसामा को बिहार और देश से समाप्त कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर चुनाव में जीत हासिल होती है, तो हमारे देश में सभी ओसामा बिन लादेन को एक-एक करके खत्म कर दिया जाएगा। हमारा देश भगवान राम, भगवान कृष्ण, माता सीता और लक्ष्मण का है। यह देश कभी भी ओसामा बिन लादेन का देश नहीं हो सकता।
सीएम सरमा ने राम मंदिर आंदोलन की याद करते हुए कहा कि लालू और मुलायम ने रुकावटें पैदा की थीं, लेकिन अब देश में ऐसे नेता हैं, जो ऐसा बदलाव ला सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, रघुनाथपुर सीट एक हाई-प्रोफाइल सीट है। यहां तीन-तरफा मुकाबला है: राजद ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा को मैदान में उतारा है, जबकि जनता दल (यूनाइटेड) ने विकास कुमार सिंह को नॉमिनेट किया है, तो वहीं जन सुराज ने राहुल कीर्ति को टिकट दिया है।
समस्तीपुर में मोहिउद्दीन नगर विधानसभा क्षेत्र में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक चुनावी रैली के दौरान बड़ा राजनीतिक दांव खेला। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में एनडीए सत्ता में वापस आती है, तो मोहिउद्दीन नगर का नाम बदलकर मोहन नगर कर दिया जाएगा।
सीएम योगी ने माफिया के खिलाफ कार्रवाई के अपने यूपी मॉडल को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद उनकी जब्त की गई संपत्ति गरीबों में बांटी जाएगी।
राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग बिहार में जंगल राज चलाते थे, वे अब गुड गवर्नेंस की बात कर रहे हैं, जो उनके हिसाब से उनके राज में मुमकिन नहीं था।