क्या तेलंगाना सरकार हैदराबाद को फिल्म निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाएगी?

सारांश
Key Takeaways
- हैदराबाद को फिल्म निर्माण का प्रमुख हब बनाने की योजना।
- फिल्म निर्माताओं को सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमतियाँ मिलेंगी।
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेताओं का सम्मान।
- फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता।
- उद्योग के विकास पर मंत्री स्तरीय उप-समिति का गठन।
हैदराबाद, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि राज्य सरकार हैदराबाद को जल्द ही देश में फिल्म निर्माण का एक प्रमुख हब बनाने के लिए कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
यह बयान तब आया जब 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री से उनके निवास पर मुलाकात की।
इस अवसर पर, फिल्म निर्माताओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष फिल्म निर्माण में सामने आ रही चुनौतियों को रखा।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेताओं का सम्मान किया, जिनमें भगवंत केसरी के निर्देशक अनिल रविपुडी, हनु-मान के निर्देशक प्रशांत वर्मा, विजुअल इफेक्ट्स टीम के सदस्य वेंकट और श्रीनिवास, फाइट मास्टर्स नंदू और पृथ्वी, बेबी के निर्देशक साई राजेश, और गायक रोहित शामिल थे।
इसके अतिरिक्त, हनु-मान के निर्माता चैतन्य रेड्डी और निरंजन रेड्डी, बेबी के निर्माता एसकेएन, भगवंत केसरी के निर्माता गरपाटी साहू और अन्य लोग भी उपस्थित थे।
टॉलीवुड ने 1 अगस्त को घोषित हुए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई पुरस्कार जीते हैं।
राज्य सरकार पहले ही यह घोषणा कर चुकी है कि वह हैदराबाद को भारतीय सिनेमा उद्योग की राजधानी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
जून में, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का, जो फिल्म उद्योग के विकास पर बनी मंत्री स्तरीय उप-समिति के अध्यक्ष हैं, ने सूचना विभाग के आयुक्त और फिल्म विकास निगम के अधिकारियों को एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का निर्देश दिया ताकि हैदराबाद को भारतीय सिनेमा की राजधानी बनाया जा सके।
उपमुख्यमंत्री भट्टी ने बताया कि सरकार का लक्ष्य हैदराबाद को एक ऐसा फिल्म सिटी बनाना है जो भारत और विदेशों से सिनेमा से जुड़े पेशेवरों को आकर्षित कर सके।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में तेलंगाना में फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए विभिन्न विभागों से अलग-अलग अनुमति लेनी पड़ती है, जो एक बड़ी बाधा है।
इस समस्या को हल करने के लिए उप-समिति ने निर्णय लिया है कि एक सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाएगा, जिसके तहत फिल्म विकास निगम के अंतर्गत एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो सभी आवश्यक विभागों से अनुमति जल्द दिलाएगा।