क्या भारत की औद्योगिक विकास दर नवंबर में 6.7 प्रतिशत बढ़ गई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की औद्योगिक विकास दर नवंबर में 6.7 प्रतिशत हो गई।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान प्रमुख रहा।
- खान क्षेत्र में भी 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- कैपिटल गुड्स का उत्पादन 10.4 प्रतिशत बढ़ा है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की औद्योगिक विकास दर नवंबर में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि अक्टूबर में यह 0.4 प्रतिशत रह गई थी, जिसका कारण दशहरा और दीपावली जैसे त्योहारों का पड़ना था। यह जानकारी सोमवार को सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा साझा की गई।
नवंबर में मजबूत औद्योगिक वृद्धि का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा, जहाँ 8 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई। इस अवधि में बेसिक मेटल, फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स, फार्मास्यूटिकल्स और मोटर व्हीकल्स ने शानदार प्रदर्शन किया।
खान क्षेत्र में भी वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत पर मजबूत रही है, जिसका कारण मानसून सीजन का समाप्त होना और लौह अयस्क के उत्पादन में वृद्धि है। हालाँकि, बिजली क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहा और वृद्धि दर -1.5 प्रतिशत रही।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में, 23 में से 20 उद्योगों ने सकारात्मक वृद्धि दर दिखाई, जिनमें सबसे अधिक वृद्धि दर मैन्युफैक्चरिंग ऑफ बेसिक मेटल में 10.2 प्रतिशत, पेट्रोकेमिकल्स, मेडिकल केमिकल और बॉटनीकल प्रोडक्ट्स में 10.5 प्रतिशत और मोटर व्हीकल्स, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई।
"मैन्युफैक्चरिंग ऑफ बेसिक मेटल" उद्योग समूह में स्टील भी शामिल है, जिसने ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
नवंबर में कैपिटल गुड्स के उत्पादन में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 10.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
जब भी किसी अर्थव्यवस्था में कैपिटल गुड्स का उत्पादन बढ़ता है, तो यह अर्थव्यवस्था में वास्तविक निवेश को दर्शाता है, क्योंकि इन उत्पादों का उपयोग फैक्ट्रियों में होता है। इससे रोजगार के अवसर में भी वृद्धि होती है।
हाईवे, रेलवे और पोर्ट सेक्टर में लागू किए जा रहे बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने पिछले साल के इसी महीने की तुलना में इस महीने 12.1 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है।