क्या जेजीयू ने जापान की प्रमुख यूनिवर्सिटियों के साथ आठ नए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं?

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क्या जेजीयू ने जापान की प्रमुख यूनिवर्सिटियों के साथ आठ नए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं?

सारांश

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने जापान के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ आठ नए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच शैक्षणिक सहयोग को और मजबूत करेगा। जानिए इस महत्वपूर्ण सहयोग के बारे में अधिक जानकारी।

Key Takeaways

  • जेजीयू ने जापान की प्रमुख यूनिवर्सिटियों के साथ आठ नए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • इससे शैक्षणिक साझेदारों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है।
  • इन समझौतों का उद्देश्य शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • यह कदम भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक संबंध को भी मजबूत करेगा।

टोक्यो (जापान), 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने जापान की प्रमुख यूनिवर्सिटियों के साथ आठ नए समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे जापान में इसके शैक्षणिक साझेदारों की संख्या अब 23 हो गई है।

यह उपलब्धि जून 2025 में जेजीयू के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के जापान दौरे के दौरान हासिल हुई। इसमें टोक्यो, क्योटो, ओसाका, फुकुशिमा, यामानाशी और अन्य प्रमुख शहरों के शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग शामिल है।

नए समझौते करने वाले विश्वविद्यालयों में एशिया यूनिवर्सिटी, टोक्यो; चुओ यूनिवर्सिटी, टोक्यो; दोषिशा यूनिवर्सिटी, क्योटो; हिगाशी निप्पोन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, फुकुशिमा; कंसाई यूनिवर्सिटी, ओसाका; मुसाशी यूनिवर्सिटी, टोक्यो; ओसाका गाकुइन यूनिवर्सिटी, ओसाका; और टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज शामिल हैं।

ये संस्थान अब जेजीयू के मौजूदा जापानी साझेदारों जैसे टोक्यो यूनिवर्सिटी, हिरोशिमा यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी और इंटरनेशनल क्रिश्चन यूनिवर्सिटी की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।

जेजीयू की जापान के साथ रणनीतिक और सतत साझेदारी प्रतीकात्मक समझौतों से परे गहन, सार्थक और बहुआयामी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बनाने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

इस सहभागिता में स्टुडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम, संयुक्त अनुसंधान पहल, विजिटिंग फैकल्टी का एक्सचेंज और सहभागिता में सम्मेलनों का आयोजन शामिल हैं जिनका उद्देश्य भारत और जापान के बीच दीर्घकालिक शैक्षणिक सेतु को मजबूत करना है।

जापान में सहभागिता का यह लैंडमार्क विस्तार वैश्विक स्तर पर आपस में संबद्ध लोकाचार को दिखाता है - एक ऐसा लोकाचार जिसका उद्देश्य सीमाओं के आर-पार बौद्धिक आदान-प्रदान, साझा विकास और परिवर्तनकारी नेतृत्व तैयार करना है।

भारत और जापान रणनीतिक मामलों, व्यापार, रक्षा, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अपने रिश्तों को मजबूत कर रहे हैं। ऐसे में इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध के भविष्य को आकार देने में शैक्षणिक सहयोग की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

दोनों देशों के लोगों में संपर्क बढ़ाने में निवेश कर, सांस्कृतिक सीमाओं को तोड़ते हुए सीखने का वातावरण तैयार कर और साझा अनुसंधान अवसर को संभव बनाकर जेजीयू भारत और जापान के लिए नई पीढ़ी के नेतृत्वकर्ताओं के लिए नींव रख रहा है जो मिलकर वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार होंगे।

जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, "यह भारत-जापान शैक्षणिक संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। जिन जापानी यूनिवर्सिटी के साथ हमारा सहयोग है उनकी संख्या बढ़कर 23 होना महज आंकड़ों की बात नहीं है - यह शैक्षणिक नवाचार, सामाजिक प्रभाव और वैश्विक संवाद के लिए एक सहयोगी ढांचा तैयार करने का प्रयास है। जेजीयू में हमारा मानना है कि उच्च शिक्षा आपसी समझ का पुल तैयार करने में मददगार होनी चाहिए, और हमारे जापानी सहयोग उसी विजन का प्रमाण हैं। मैं सहयोग की इस उत्कृष्टता के लिए हमारे जापानी साझेदारों का तहे दिल से आभारी हूं।"

जेजीयू के वाइस डीन और इंटरनेशनल रिलेशंस एंड ग्लोबल इनिशिएटिव्स के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अखिल भारद्वाज ने कहा, "जापान के साथ हमारी बढ़ती साझेदारी आपसी विश्वास, सम्मान और साझा शैक्षणिक मूल्यों पर आधारित है। ये साझेदारियां छात्रों के आदान-प्रदान, संयुक्त शोध और सांस्कृतिक संवाद के लिए मजबूत अवसर प्रदान करेंगी, जिससे हमारे संस्थान और दोनों देशों के बीच सार्थक तरीके से नजदीकी बढ़ेगी। इन सहयोगों का पैमाना और गंभीरता जेजीयू के वैश्विक दृष्टिकोण और अकादमिक कूटनीति के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"

भारत के जापान में राजदूत सिबी जॉर्ज ने जेजीयू के साझेदारी विस्तार के उपलक्ष्य में टोक्यो स्थित इंडिया हाउस में जेजीयू प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में एक विशेष रात्रिभोज की मेजबानी की। इस आयोजन में जापान की शीर्ष यूनिवर्सिटियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वरिष्ठ शैक्षणिक नेता शामिल हुए।

राजदूत ने कहा, "भारत और जापान के बीच रणनीतिक, व्यापार, रक्षा, सुरक्षा और सरकारी सहयोग सहित एक मजबूत रिश्ता है जो समय की कसौटी पर कसा जा चुका है। हालांकि, शिक्षा ही हमारे भविष्य के सहयोग की आधारशिला होगी। मैं ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और इसके कुलपति प्रोफेसर राज कुमार की भारत-जापान शैक्षणिक सहयोग को सबसे बड़ा और प्रभावशाली बनाने की दृष्टि और नेतृत्व की सराहना करता हूं। आज बन रहे ये संबंध कल के रणनीतिक वैचारिक नेतृत्व को आकार देंगे।"

जापानी शैक्षणिक सहयोग का यह बढ़ता नेटवर्क जेजीयू के भारतीय उच्च शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय बनाने और शिक्षा, शोध तथा छात्र विकास के माध्यम से भारत की वैश्विक साझेदारियों में सार्थक योगदान देने के व्यापक मिशन का हिस्सा है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि जेजीयू का यह कदम भारत और जापान के बीच शैक्षणिक सहयोग को नए आयाम देगा। यह न केवल उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

जेजीयू ने कितने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं?
जेजीयू ने जापान की प्रमुख यूनिवर्सिटियों के साथ आठ नए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
इन एमओयू का उद्देश्य क्या है?
इनका उद्देश्य भारत और जापान के बीच शैक्षणिक सहयोग को बढ़ाना और दीर्घकालिक शैक्षणिक सेतु बनाना है।
जेजीयू के साथ कौन-कौन सी जापानी यूनिवर्सिटियाँ शामिल हैं?
जेजीयू के साथ एशिया यूनिवर्सिटी, चुओ यूनिवर्सिटी, दोशिशा यूनिवर्सिटी, और अन्य प्रमुख यूनिवर्सिटियाँ शामिल हैं।