क्या जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पुलिस ने ड्रग तस्कर का 1 करोड़ रुपए का घर कुर्क किया?
सारांश
Key Takeaways
- श्रीनगर में ड्रग तस्कर का घर कुर्क किया गया।
- यह कार्रवाई एनडीपीएस अधिनियम के तहत हुई।
- पुलिस ने नशीली दवाओं के खिलाफ मुहिम तेज की है।
- आरोपी के खिलाफ पहले से एफआईआर दर्ज है।
- संपत्ति अवैध गतिविधियों से प्राप्त की गई थी।
श्रीनगर, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में पुलिस ने रविवार को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। पुलिस ने एक ड्रग तस्कर के लगभग 1 करोड़ रुपए के मूल्य वाले घर को कुर्क किया है।
पुलिस के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में रविवार को नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत श्रीनगर के नटिपोरा क्षेत्र में लगभग 1 करोड़ रुपए मूल्य का एक दो मंजिला मकान कुर्क किया गया।
यह संपत्ति नटिपोरा के अस्तान मोहल्ला निवासी जाविद अहमद गनी पुत्र नजीर अहमद गनी के नाम पर पंजीकृत है। आरोपी एक आदतन नशा तस्कर है। आरोपी के खिलाफ चनापोरा पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज है। जांच के दौरान यह पाया गया कि संपत्ति अवैध मादक पदार्थों के व्यापार से अर्जित की गई थी।
इन निष्कर्षों के आधार पर सक्षम प्राधिकारी ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया। कुर्की की कार्रवाई चनापोरा के प्रथम श्रेणी कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में की गई। आदेश के अनुसार मालिक को संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने, उसमें कोई बदलाव करने या उसमें किसी तीसरे पक्ष का हित स्थापित करने से रोक दिया गया है।
बयान में आगे कहा गया कि श्रीनगर पुलिस नशीली दवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने, वित्तपोषित करने या उसे सुविधाजनक बनाने में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल आतंकवादियों, उनके सहयोगियों, समर्थकों, ड्रग तस्करों, ड्रग विक्रेताओं, हवाला मनी रैकेट और अन्य गैरकानूनी वित्तीय गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ आक्रामक और बहुस्तरीय अभियान चला रहे हैं।
सुरक्षा बलों की इस संशोधित रणनीति का उद्देश्य जमीनी स्तर पर सशस्त्र कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के साथ, आतंकवाद के वित्तीय, सैन्य और स्थानीय सुविधा नेटवर्क सहित आतंकवाद के संपूर्ण समर्थन तंत्र को ध्वस्त करना है।
ऐसा माना जाता है कि ड्रग तस्करी, हवाला मनी रैकेट और अन्य गैरकानूनी वित्तीय गतिविधियों जैसी गैरकानूनी गतिविधियों से प्राप्त धन का उपयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बनाए रखने और इसके समर्थन, भर्ती और प्रचार तंत्र को जीवित रखने के लिए किया जाता है।