क्या अनुराग ठाकुर ने टीएमसी सांसद पर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- अनुराग ठाकुर का आरोप गंभीर है।
- ई-सिगरेट का उपयोग नियमों का उल्लंघन है।
- स्पीकर ने स्पष्ट किया कि सिगरेट का उपयोग अवैध है।
- इतिहास में यह पहला मौका नहीं है जब सदन में विवाद हुआ हो।
- सदन की गरिमा बनाए रखना सभी सांसदों की जिम्मेदारी है।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में गुरुवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा एक टीएमसी सांसद पर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाने के बाद हंगामा खड़ा हो गया। यह घटना हिमाचल प्रदेश में 'टिंबर माफिया' पर चल रही चर्चा के दौरान हुई।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि लोकसभा परिसर में ई-सिगरेट का इस्तेमाल नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से इस मामले में कार्रवाई करने की अपील की, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर सांसद का नाम नहीं लिया।
उन्होंने कहा, "मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता हूं।" इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें रोका और कहा, "आप मुझसे प्रश्न नहीं पूछ सकते, आप आग्रह कर सकते हैं।"
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, "मैं आपसे निवेदन करता हूं कि सदन की जानकारी के लिए स्पष्ट करें कि क्या ई-सिगरेट, जो पूरे देश में प्रतिबंधित है, लोकसभा परिसर में इस्तेमाल की जा सकती है?"
स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत जवाब दिया, "सदन में किसी भी प्रकार की सिगरेट लाने या पीने की अनुमति नहीं है।"
इसके बाद ठाकुर ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, "टीएमसी सांसद सिगरेट पी रहे हैं। यह सांसद कई दिनों से ऐसा कर रहे हैं। क्या अब लोकसभा में सिगरेट पीना मान्य है? कृपया इस मामले की जांच कराएं।"
इस आरोप के तुरंत बाद सदन में हलचल मच गई। सत्ता पक्ष के सदस्य बोले, "कैसे कोई सदस्य सदन में बैठकर सिगरेट पी सकता है? यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।"
ठाकुर के इस बयान पर टीएमसी सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया दी, जबकि कई भाजपा सांसदों ने अपनी सीटों से आरोपों का समर्थन किया और कहा कि टीएमसी सदस्य नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
स्पीकर ने फिर से स्पष्ट किया कि सदन में किसी भी सांसद को सिगरेट पीने की अनुमति नहीं है और कहा, "यदि इस तरह की घटना स्पष्ट रूप से मेरे ध्यान में आएगी तो उचित कार्रवाई की जाएगी।"
2019 से पूरे देश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध है। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, आयात, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर रोक लगा दी है। दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) विधेयक पास कर इसे कानून में बदल दिया।