क्या सीएम फडणवीस हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- मनोज जरांगे-पाटिल का आंदोलन केवल आजाद मैदान में होना चाहिए।
- महिला पत्रकारों पर हमले की निंदा की गई है।
- सरकार कानूनी समाधान की तलाश में है।
- व्यापारियों के लिए दुकानें खुली रखने का निर्देश दिया गया है।
पुणे, १ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को स्पष्ट किया कि सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश का पालन करेगी जिसमें अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध सड़कें खाली कराने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि मराठा समर्थन करने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटिल का आंदोलन केवल आजाद मैदान में होना चाहिए और अन्य स्थानों पर नहीं। इसके साथ ही, अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे मुंबई आने वाले अन्य प्रदर्शनकारियों को रोकें।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं यात्रा पर था और मैंने अदालत के निर्णय को नहीं देखा है। लेकिन मेरी समझ के अनुसार, मनोज जरांगे-पाटिल को अनशन की अनुमति कुछ शर्तों के अधीन दी गई थी, जिनका उल्लंघन हुआ है। अदालत ने सड़कों पर हो रही घटनाओं पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। सरकार उन निर्देशों का पालन करेगी।"
फडणवीस ने आगे कहा कि यह कहना गलत है कि मुंबई में जरांगे-पाटिल के आंदोलन के कारण कानून-व्यवस्था प्रभावित हुई है। हालांकि, प्रदर्शन के दौरान कुछ घटनाएँ, विशेषकर महिला पत्रकारों पर हमले, निंदनीय हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला पत्रकार अपना काम कर रहे हैं, और उन पर हमले महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं हैं। इसे हर स्तर पर निंदा की जानी चाहिए। हमने पहले भी 30 से अधिक मार्च देखे हैं, जिनमें अनुशासन था।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के पहले दिन कुछ लोगों ने नारेबाजी की, जिसके कारण व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। यह निर्णय व्यापारियों ने अपने मन से लिया था। बाद में हमने उन्हें बताया कि वे अपनी दुकानें खोलें, और अब दुकानें खुली हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार (ओबीसी कोटे से मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग के लिए) कानूनी समाधान खोजने का प्रयास कर रही है। यदि समाधान निकलता है, तो यह अदालत में कानूनी कसौटी पर खरा उतरेगा।
पुणे रवाना होने से पहले, फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और अन्य मंत्रियों के साथ बैठक की और जरांगे-पाटिल के आंदोलन के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाधान निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार जिद्दी नहीं हो सकती और बातचीत के लिए आगे आने पर जल्द ही समाधान निकलने की संभावना है।