क्या मिजोरम में अगले पांच वर्षों तक बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी? मुख्यमंत्री लालदुहोमा

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क्या मिजोरम में अगले पांच वर्षों तक बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी? मुख्यमंत्री लालदुहोमा

सारांश

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने घोषणा की है कि राज्य सरकार ने अगले पाँच वर्षों तक बिजली दरें न बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत प्रदान करेगा और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगा।

Key Takeaways

  • बिजली दरों में वृद्धि नहीं होगी
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत
  • नवीकरणीय ऊर्जा का बढ़ावा
  • सोलर पार्क का विकास
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

आइजोल, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शनिवार को यह खुलासा किया कि राज्य सरकार ने अगले पाँच वर्षों के लिए बिजली दरों में वृद्धि न करने का निर्णय लिया है। यह कदम सभी के लिए किफायती ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने थेनजावल में 10 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह निर्णय व्यापक जनहित में लिया गया है, जिससे विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा।

उन्होंने बताया कि इस कदम के परिणामस्वरूप घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, सतत आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिलेगा, और राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

10 मेगावाट क्षमता वाला थेनजावल सोलर पावर प्रोजेक्ट नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से 74.82 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि आइजोल जिले के सुमसुईह में प्रस्तावित 5 मेगावाट के सोलर पार्क का कार्य प्रारंभ हो चुका है और इसके जल्द पूर्ण होने की आशा है। राज्य में कई अन्य सोलर पार्क भी प्रस्तावित हैं, जिनमें केइफांग (10 मेगावाट), सेरछिप के तुमतुइतलांग (10 मेगावाट), बॉकमुअल-ह्मुनह्मेलथा (10 मेगावाट), ह्नाथियाल के डेनलुंग राम (10 मेगावाट), लालेन के त्लाबुंग त्लांग (6 मेगावाट) और लामजावल के दावहजौ जौ (20 मेगावाट) शामिल हैं।

लालदुहोमा ने यह भी बताया कि 676 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 24 मेगावाट की तुइरिनी जलविद्युत परियोजना का शिलान्यास निकट भविष्य में किया जाएगा। साथ ही, 132 मेगावाट की तुइवाई जलविद्युत परियोजना पर भी तेजी से कार्य चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद मिजोरम के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ती रखरखाव लागत के कारण सात पुरानी जलविद्युत परियोजनाओं को आउटसोर्स करने का प्रस्ताव है, जिसमें कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है।

शासन सुधारों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि अगस्त से पूरे मिजोरम में ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान की सुविधा शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार नियमित रूप से बकाया बिजली देनदारियों का भुगतान कर रही है, जिससे वह छूट (रिबेट) की पात्र बनी है। दिसंबर 2023 से दिसंबर 2025 के बीच 6.57 करोड़ रुपये की छूट प्राप्त की गई है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मिजोरम की वित्तीय स्थिति लगातार सुधर रही है। हालांकि इसके परिणाम दिखने में समय लग सकता है, लेकिन राज्य की राजकोषीय स्थिति मजबूत हुई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने मिजोरम को अपेक्षाकृत मजबूत वित्तीय स्थिति वाले छोटे राज्यों में वर्गीकृत किया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिजली मंत्री एफ. रोडिंगलियाना ने कहा कि मिजोरम में बिजली की वार्षिक मांग लगभग 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और पीक डिमांड 160 मेगावाट तक पहुंच चुकी है।

उन्होंने बताया कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार कई योजनाओं पर कार्य कर रही है, जिनमें वानकल सोलर प्लांट से जुड़ी पंप स्टोरेज पावर परियोजना, 132 मेगावाट की तुइवाई परियोजना को तेज करना और 24 मेगावाट की तुइरिनी जलविद्युत परियोजना को आगे बढ़ाना शामिल है।

बिजली मंत्री ने कहा कि सात जलविद्युत परियोजनाओं को आउटसोर्स करने से राज्य को दीर्घकालिक लाभ होगा और उन्होंने जनता से इस पहल के फायदों को समझने की अपील की।

Point of View

जो न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए फायदेमंद है बल्कि राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में भी एक नई दिशा प्रदान करेगा। यह कदम नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या मिजोरम में बिजली दरें बढ़ेंगी?
नहीं, मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने अगले पाँच वर्षों तक बिजली दरें न बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय से किसे लाभ होगा?
इस निर्णय का लाभ विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और छोटे उद्यमियों को होगा।
राज्य में कितने सोलर पार्क प्रस्तावित हैं?
राज्य में विभिन्न स्थानों पर कई सोलर पार्क प्रस्तावित हैं, जिनमें 5 मेगावाट से लेकर 20 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
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