क्या भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित हो गई है?

सारांश
Key Takeaways
- अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2023 को शुरू हुई थी।
- इस वर्ष 3.93 लाख से अधिक तीर्थयात्री गुफा में दर्शन कर चुके हैं।
- हाल ही में भारी बारिश ने यात्रा को प्रभावित किया है।
- प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए काफिले को स्थगित किया।
- 1 अगस्त से बालटाल मार्ग से यात्रा फिर से शुरू होगी।
श्रीनगर, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारी बारिश के चलते अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है, जिससे गुरुवार को जम्मू से कश्मीर के लिए कोई भी यात्रियों का काफिला नहीं निकलेगा।
अधिकारियों ने कहा कि खराब मौसम के कारण, सुरक्षा के मद्देनजर, तीर्थयात्रियों का काफिला भगवती नगर, जम्मू से आगे नहीं बढ़ेगा।
जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने बताया, "यात्रा क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते बेस कैंप से तीर्थयात्रियों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि 31 जुलाई को भगवती नगर, जम्मू से बेस कैंप बालटाल और नुनवान की ओर किसी भी काफिले की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। तीर्थयात्रियों को समय-समय पर स्थिति से अवगत कराया जाएगा।"
अब तक इस वर्ष 3.93 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं।
कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा, "हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण श्री अमरनाथ जी यात्रा मार्ग के पहलगाम मार्ग पर तत्काल मरम्मत और रखरखाव कार्य की आवश्यकता है। यात्रा 1 अगस्त से बालटाल मार्ग से जारी रहेगी।"
ज्ञात हो कि 30 जुलाई को हुई भारी बारिश के कारण दोनों आधार शिविरों (बालटाल और चंदनवाड़ी/नुनवान) से यात्रा स्थगित कर दी गई थी।
वर्तमान यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी और 9 अगस्त को समाप्त होगी।
जो लोग पहलगाम मार्ग का उपयोग करते हैं, वे चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होते हुए गुफा मंदिर तक पहुँचते हैं, जहाँ उन्हें 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।
तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुँचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान शिव ने इस गुफा में माता पार्वती को अमरता के रहस्य बताए थे।