क्या मध्यपूर्व संकट के बीच तेल की कीमतें 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं? भारत के पास पर्याप्त आपूर्ति है?

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क्या मध्यपूर्व संकट के बीच तेल की कीमतें 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं? भारत के पास पर्याप्त आपूर्ति है?

सारांश

तेल की कीमतें एक बार फिर 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई हैं। क्या आपूर्ति में बाधा आएगी? जानिए इस संकट के बीच भारत की स्थिति और तेल की वैश्विक मार्केट पर प्रभाव।

Key Takeaways

  • तेल की कीमतें 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
  • भारत ने अपनी आपूर्ति में विविधता लाने के लिए कदम उठाए हैं।
  • भू-राजनीतिक तनाव के कारण वैश्विक तेल बाजार पर असर पड़ सकता है।

नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद, सोमवार को तेल की कीमतें इस साल जनवरी के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी, जिसके माध्यम से वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति का लगभग 20 प्रतिशत प्रवाह होता है।

सोमवार को शुरुआती कारोबार में, ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 1.92 डॉलर या 2.49 प्रतिशत बढ़कर 78.93 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 1.89 डॉलर या 2.56 प्रतिशत बढ़कर 75.73 डॉलर पर पहुंच गया।

ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 5 प्रतिशत तक की तेजी आई। हालांकि, कीमतें उन स्तरों पर टिक नहीं पाईं और लगभग तुरंत ही शुरुआती बढ़त कम हो गई।

बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी भंडार में उम्मीद से अधिक गिरावट के बीच कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी जारी रही।

इजरायल और ईरान के बीच चल रही शत्रुता ने मध्य पूर्व में आपूर्ति से जुड़ी चिंताओं को बढ़ा दिया है, जो वैश्विक तेल निर्यात के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

यूएस एनर्जी इंफोर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) के अनुसार, पिछले सप्ताह कच्चे तेल के भंडार में 11.5 मिलियन बैरल की गिरावट आई, जो अनुमानित 2.3 मिलियन बैरल की गिरावट से काफी अधिक है।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष कमोडिटीज राहुल कलंत्री ने कहा, "आज के सत्र में कच्चे तेल को 74.20-73.40 डॉलर पर समर्थन और 75.65-76.20 डॉलर पर प्रतिरोध देखने को मिल रहा है। रुपए के संदर्भ में, कच्चे तेल को 6,400-6,320 रुपए पर समर्थन मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 6,580-6,690 रुपए पर है।"

हालांकि, होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की संभावना एक खतरा है, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह हमेशा से केवल एक खतरा रहा है और जलडमरूमध्य कभी बंद नहीं हुआ।

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "सच तो यह है कि होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने से ईरान और ईरान के मित्र चीन को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।"

इस बीच, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी बमबारी के कारण मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण भारतीय उपभोक्ताओं को तेल आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को दूर किया है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, "हम पिछले दो हफ्तों से मध्य पूर्व में विकसित हो रही भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लाए हैं और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आता है।"

Point of View

भारत ने अपनी तेल आपूर्ति को लेकर तैयारियों को मजबूत किया है। हमें यह समझना होगा कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव का असर केवल तेल की कीमतों पर नहीं, बल्कि हमारे आर्थिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत के पास तेल की पर्याप्त आपूर्ति है?
हां, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत ने अपनी आपूर्ति में विविधता लाने के लिए कदम उठाए हैं।
तेल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
ईरान में भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी भंडार में गिरावट के कारण तेल की कीमतें बढ़ रही हैं।
क्या होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होगा?
हालांकि यह एक खतरा है, लेकिन ऐसा होने की संभावना हमेशा से कम रही है।