क्या मध्य प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में 16 दिसंबर को गरमागरम बहस होगी?
सारांश
Key Takeaways
- विशेष सत्र 17 दिसंबर को होगा।
- मुख्यमंत्री सरकार की उपलब्धियों पर रिपोर्ट पेश करेंगे।
- विपक्ष सच्चाई उजागर करने के लिए तैयार है।
- मुख्य विषयों में शहरी विकास और स्वास्थ्य शामिल हैं।
- यह सत्र लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भोपाल, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र 17 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव, जिन्होंने 13 दिसंबर को अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे किए, अपने पिछले दो वर्षों में सरकार की उपलब्धियों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा, अन्य भाजपा विधायकों के साथ, इस चर्चा में शामिल होंगे।
प्रमुख विषयों में 11 दिसंबर
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कांग्रेस के सभी विधायकों की मीटिंग बुलाई है। नेता विपक्ष के तौर पर उमंग सिंघार के भी दो साल पूरे हो रहे हैं।
Sिंघार ने सरकार के दावों को चुनौती देने के लिए कांग्रेस विधायकों के साथ रणनीति बना रहे हैं।
उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा सरकार अपनी उपलब्धियों का बखान करेगी, लेकिन कांग्रेस सच्चाई उजागर करने के लिए तैयार है। यह सत्र सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि जनता के सवालों का जवाब देने का मंच होना चाहिए।
यह विशेष सत्र 5 दिसंबर को समाप्त हुए पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के ठीक 12 दिन बाद हो रहा है, जिसमें सदन ने गहन बहस के बाद 13,156 करोड़ रुपए का दूसरा पूरक बजट पारित किया था।