क्या केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बर्लिन में टॉप इंडस्ट्री लीडर्स के साथ भारत की ग्रोथ स्टोरी में सहयोग बढ़ाने के लिए बैठकें की?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की ग्रोथ स्टोरी में वैश्विक उद्योग लीडर्स का सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।
- क्लीन एनर्जी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
- सेमीकंडक्टर्स में सहयोग के अवसरों का विस्तार हो रहा है।
- डिफेंस सेक्टर में नए निवेश के रास्ते खोले जा रहे हैं।
- इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस और डिजिटाइजेशन पर चर्चा की गई।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बर्लिन दौरे के दौरान कई प्रमुख सीईओ और इंडस्ट्री लीडर्स के साथ महत्वपूर्ण बैठकें की।
इन बैठकों में, उन्होंने भारत की ऑटोमोटिव इंडस्ट्री, सेमीकंडक्टर क्षेत्र और देश की क्लीन एनर्जी यात्रा में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैंने मर्सिडीज-बेंज ग्रुप के सीईओ ओला कैलेनियस के साथ एक उत्कृष्ट बैठक की।"
इस बैठक में, उन्होंने भारत में कंपनी के ऑपरेशंस और उनके विस्तार की योजनाओं पर चर्चा की, क्योंकि वे भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में अधिक इनॉवेशन और सस्टेनेबल ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं।
इसके बाद, उन्होंने इन्फिनियन टेक्नोलॉजीज एजी के सीईओ जोचेन हानेबेक से मुलाकात की, जिसमें सेमीकंडक्टर्स और डीकार्बनाइजेशन पहलों में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की गई।
केंद्रीय मंत्री ने भारत के डिफेंस सेक्टर में निवेश को लेकर आरईएनके जीएमबीएच के व्हीकल मोबिलिटी सॉल्यूशंस डिवीजन के माइकल मासुर से भी बातचीत की।
इस बैठक में, उन्होंने इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस, डिजिटाइजेशन और इंटेलिजेंस में सहयोग के नए तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय मंत्री ने एक एक्स पोस्ट में बताया कि भारत रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अपने सस्टेनेबल डेवलपमेंट लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इसी क्रम में, उन्होंने ईएनईआरटीआरएजी के मैनेजमेंट बोर्ड के सदस्य मिस्टर टोबियास बिशोफ-नीम्ज़ से मुलाकात की, जिसमें क्लीन एनर्जी यात्रा में मिलकर काम करने के अवसरों पर चर्चा की गई।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, उन्होंने हेरेनकेनेक्ट एजी के फाउंडर और सीईओ डॉ. मार्टिन हेरेनकेनेक्ट के साथ बैठक में भारत में कंपनी की ग्रोथ प्लान और बेहतर लोकल ऑपरेशन तथा टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप के माध्यम से भारत के तेजी से आगे बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में उनकी सहभागिता पर ध्यान केंद्रित किया।