क्या मुरादाबाद में छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने का मामला सच है?

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क्या मुरादाबाद में छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने का मामला सच है?

सारांश

मुरादाबाद में एक मदरसे ने 13 वर्षीय छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगकर एक विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जानिए पूरा घटनाक्रम और इसके पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • मुरादाबाद के मदरसे में छात्रा से वर्जिनिटी टेस्ट की मांग की गई।
  • पिता की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की।
  • मामला महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन का है।
  • मदरसे की प्रबंधन ने अभद्रता की।
  • समाज में इस तरह की मांगों के खिलाफ जागरूकता जरूरी है।

मुरादाबाद, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्थित एक लड़कियों के मदरसे में 13 वर्षीय छात्रा से 'वर्जिनिटी टेस्ट' (कौमार्य परीक्षण) की रिपोर्ट मांगने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। छात्रा के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

चंडीगढ़ निवासी परिवार ने एसएसपी मुरादाबाद से शिकायत की है कि मैनेजमेंट ने न केवल यह अस्वीकार्य मांग रखी, बल्कि विरोध करने पर उनसे अभद्रता भी की। परिवार ने इस घटना से आहत होकर मैनेजमेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह पूरा मामला मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र स्थित जामिया असानुल बनात गर्ल्स कॉलेज (मदरसा) से जुड़ा है। मामला तब उजागर हुआ जब चंडीगढ़ निवासी मोहम्मद यूसुफ ने 14 अक्टूबर को एसएसपी मुरादाबाद के समक्ष एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की। शिकायती पत्र में बताया गया है कि मोहम्मद यूसुफ ने अपनी बेटी, जो कि इसी मदरसे में 7वीं कक्षा पास कर चुकी है, को 8वीं कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिए मदरसे ले गए थे।

पिता ने आरोप लगाया कि जब वे मैनेजमेंट के पास पहुंचे, तो उन्होंने अगली कक्षा में दाखिले के लिए एक स्तब्ध कर देने वाली शर्त रखी। आरोप है कि मैनेजमेंट ने मदरसे में प्रवेश के लिए बेटी का वर्जिनिटी टेस्ट कराकर उसका सर्टिफिकेट जमा करने को कहा। पीड़ित ने शिकायत में कहा है कि यह मांग उनकी बेटी के चरित्र हनन की कोशिश है।

जब परिजनों ने इस बेतुकी मांग का कड़ा विरोध किया, तो मदरसा मैनेजमेंट ने उनसे अभद्रता की और उन्हें परिसर से बाहर निकाल दिया। मैनेजमेंट ने यह भी धमकी दी कि यदि वे यह टेस्ट नहीं करा सकते, तो अपनी बेटी की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) निकलवा लें।

परिजनों ने इस आरोप के समर्थन में पुलिस को एक टीसी फॉर्मेट भी सौंपा है, जिस पर मेडिकल टेस्ट कराने की बात लिखी होने का दावा किया गया है।

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि पाकबड़ा थाना क्षेत्र के लोधीपुर में एक स्थानीय मदरसे के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

चंडीगढ़ निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि पिछले साल मदरसे में दाखिल हुई उसकी बेटी के चरित्र पर अनुचित टिप्पणियां की गईं। उन्होंने आगे दावा किया कि ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) जारी करने के बाद उसे जबरन निकाल दिया गया। अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है और आवेदन को औपचारिक रूप से जांच के लिए भेज दिया गया है। किसी भी निष्कर्ष पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

Point of View

यह घटना न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति के लिए भी गंभीर प्रश्न उठाती है। हमें इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे देश की सभी लड़कियाँ सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या वर्जिनिटी टेस्ट कानूनी है?
नहीं, वर्जिनिटी टेस्ट का कोई कानूनी मान्यता नहीं है और यह महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है।
पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया है।
इस मामले में मदरसे के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है?
यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो मदरसे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या यह मामला महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है?
बिल्कुल, यह महिलाओं के खिलाफ एक गंभीर अत्याचार और अधिकारों का उल्लंघन है।
इस मामले में माता-पिता की भूमिका क्या है?
माता-पिता ने इस अस्वीकार्य मांग का विरोध कर मामले को उजागर किया है, जो महत्वपूर्ण है।