क्या रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट पर भड़की भाजपा?
सारांश
Key Takeaways
- रोहिणी आचार्य का पोस्ट विवाद का केंद्र बना।
- भाजपा ने शब्दों की मर्यादा पर जोर दिया।
- कर्पूरी ठाकुर का संदर्भ महत्वपूर्ण है।
- सोशल मीडिया राजनीतिक बयानों का नया मंच है।
- राजनीतिक नेताओं की जिम्मेदारी बढ़ी है।
पटना, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा ऐतराज जताया है।
भाजपा ने रोहिणी को शब्दों की मर्यादा बनाए रखने की नसीहत दी है। रोहिणी आचार्य ने प्रधानमंत्री के बिहार दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए एक पोस्ट किया।
उन्होंने पोस्ट में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उस पर भाजपा ने आपत्ति दर्ज कराई। लालू यादव की बेटी ने कहा कि लालटेन की रोशनी से एनडीए में दहशत समाई है। इसीलिए पीएम मोदी को बार-बार बिहार आना पड़ रहा है। बिहार का कोना-कोना लालटेन-लालटेन कर रहा है। इस बार बिहार में तेजस्वी की अगुवाई में पक्के इरादों वाली सरकार बनेगी।
रोहिणी के पोस्ट पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि मैं नहीं जानता कि रोहिणी आचार्य कौन हैं। मैं बता देना चाहता हूं कि एक अति पिछड़ी जाति से आने वाले ताकतवर प्रधानमंत्री, जो साधारण परिवार में जन्मे, चाय बेचने वाले व्यक्ति हैं और जिन्होंने देश को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाया, वह आपको पच नहीं रहा है। भ्रष्टाचार और हिंसा से जुड़े परिवार के लोग उंगली उठाने से पहले खुद की ओर देखें, जहां तीन उंगलियां उनकी ओर इशारा कर रही हैं।
पासवान ने आगे कहा कि क्या आपको यह पच नहीं रहा कि पीएम मोदी कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देकर बिहार में चुनावी सभा की शुरुआत कर रहे हैं।
रोहिणी को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि अपने पिता लालू प्रसाद यादव से पूछिए कि उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के लिए किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया था। जब कर्पूरी ठाकुर अस्वस्थ थे।
उन्होंने कहा कि यह बुद्ध और विक्रमशिला की भूमि है। शब्दों की मर्यादा बनाए रखें। बिहार कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को पिटवाने और कर्पूरी ठाकुर के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले लोग पहले अपने शब्दों पर ध्यान दें।