क्या कांग्रेस ने कभी भी सीताराम केसरी को भुला दिया?

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क्या कांग्रेस ने कभी भी सीताराम केसरी को भुला दिया?

सारांश

क्या कांग्रेस ने सीताराम केसरी को भुला दिया है? इस लेख में जानिए कैसे कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और क्या है इसके पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • सीताराम केसरी का योगदान भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण रहा है।
  • कांग्रेस ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर अपने ऐतिहासिक नेताओं को मान्यता दी है।
  • कर्पूरी ठाकुर और सीताराम केसरी की तुलना करना उचित नहीं है।
  • तारिक अनवर ने कहा कि जनता ही तय करती है कि कौन जननायक है।
  • प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर चर्चा जारी है।

नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान शुक्रवार का दिन जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी के नाम रहा।

सीताराम केसरी की पुण्यतिथि पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने भी केसरी को श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर कांग्रेस नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को सीताराम केसरी की याद आई है।

यह सवाल इसलिए भी उठा, क्योंकि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने समस्तीपुर में जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव में उन्हें श्रद्धांजलि दी और एक जनसभा को संबोधित किया।

२५ साल बाद सीताराम केसरी की कांग्रेस को क्यों याद आई। इस सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि जहां तक सीताराम केसरी को सम्मान देने की बात है, बिहार में प्रदेश कांग्रेस कमेटी नियमित रूप से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती रही है। यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भाजपा द्वारा याद किए जाने और कांग्रेस द्वारा केसरी को श्रद्धांजलि देने को जोड़ने के सवाल पर स्पष्ट किया कि ऐसी कोई बात नहीं है। कर्पूरी ठाकुर और सीताराम केसरी की कोई तुलना नहीं है। दोनों अपने-अपने स्थान पर बड़े नेता रहे हैं। लेकिन केसरी जी का राजनीतिक जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा है।

उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का सफर तय किया। मेरे लिए तो वे मेंटोर थे, उन्होंने मुझे राजनीति में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री मोदी के समस्तीपुर दौरे और उनके बयान पर कि जननायक सिर्फ एक हैं, वह कर्पूरी ठाकुर हैं, और कुछ लोग जननायक बनने का असफल प्रयास कर रहे हैं। इस पर तारिक अनवर ने कहा कि जनता तय करती है कि कौन जननायक है। हमारे कार्यों के आधार पर जनता हमें जननायक मानती है। किसी के कहने से इसे रोका नहीं जा सकता। जनता स्वयं अपने नेताओं को स्वीकार करती है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम कांग्रेस की राजनीतिक रणनीतियों और उनके ऐतिहासिक नेताओं के प्रति सम्मान को सही तरीके से समझें। यह स्पष्ट है कि सीताराम केसरी को कभी नहीं भुलाया गया है, बल्कि उन्हें समय-समय पर याद किया जाता है।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

सीताराम केसरी कौन थे?
सीताराम केसरी एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया।
कर्पूरी ठाकुर का योगदान क्या था?
कर्पूरी ठाकुर एक महत्वपूर्ण नेता रहे हैं, जिन्होंने समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
तारिक अनवर ने क्या कहा?
तारिक अनवर ने कहा कि कांग्रेस नियमित रूप से सीताराम केसरी को श्रद्धांजलि देती रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का क्या बयान था?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जननायक सिर्फ एक हैं, वह कर्पूरी ठाकुर हैं।
क्या कांग्रेस चुनावी रणनीति के तहत केसरी को याद कर रही है?
कांग्रेस का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है, वे हमेशा उन्हें सम्मान देते रहे हैं।