क्या केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर ने व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की?

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क्या केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर ने व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की?

सारांश

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर ने हाल ही में व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण चर्चाएं कीं। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक की मुख्य बातें।

Key Takeaways

  • भारत-यूके व्यापार संबंध को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
  • सीईटीए का कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जेईटीसीओ का पुनर्गठन।
  • 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की साझा महत्वाकांक्षा।
  • अर्थव्यवस्थाओं के बीच पूरकताओं का लाभ उठाने पर जोर।
  • नियामक सहयोग और गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने के उपाय।

मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ उनकी मुलाकात ने दोनों देशों के बीच आपसी समृद्धि के लिए व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत किया है।

ब्रिटेन के पीएम स्टारमर बुधवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए, उनके साथ ब्रिटेन से भारत आए अब तक के सबसे बड़े व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी था।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात कर खुशी हुई। हम दोनों के बीच आपसी समृद्धि के लिए भारत-ब्रिटिश व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई।"

केंद्रीय मंत्री गोयल ने इससे पहले भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) को लागू करने और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के उद्देश्य से ब्रिटेन के बिजनेस और ट्रेड मिनिस्टर पीटर काइल से मुलाकात की।

वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, "यह बैठक भारत-यूके सीईटीए को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें दोनों मंत्रियों ने इसके कार्यान्वयन और क्रियान्वयन की निगरानी के लिए संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति (जेईटीसीओ) को पुनर्गठित करने पर सहमति व्यक्त की।"

दोनों पक्षों ने समझौते के तेज, कॉर्डिनेटेड और रिजल्ट-ऑरिएंटेड कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए इसकी पूरी क्षमता का दोहन करना है।

मिनिस्टर्स ने एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल ट्रेड, क्लीन एनर्जी और सर्विस जैसे क्षेत्रों में दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच पूरकताओं का लाभ उठाते हुए, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा की पुष्टि की।

उन्होंने सीईटीए के परिवर्तनकारी दायरे पर जोर देते हुए नियामक सहयोग, गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने और सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को बढ़ावा देने के माध्यम से इसके लाभों को अधिकतम करने के तरीकों पर चर्चा की।

वाणिज्य सचिव और महानिदेशक स्तर की अत्यंत उत्पादक बैठक ने मंत्रिस्तरीय बैठक की दिशा निर्धारित की, जिसने पूरे दिन चलने वाली आकर्षक और दूरदर्शी चर्चाओं की एक मजबूत नींव रखी।

द्विपक्षीय बैठक से पहले, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर गुड्स, फूड और ड्रिंक, विज्ञान, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन, निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और क्लीन एनर्जी, तथा फाइनेंशियल, प्रोफेशनल और बिजनेस सर्विसेज (आईटी/आईटीईएस, एजुकेशन और इंजीनियरिंग सहित) प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कई क्षेत्रीय गोलमेज बैठकें आयोजित की गईं।

Point of View

जो भविष्य में दोनों देशों के लिए विकास का एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करना था।
क्या इस बैठक से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा?
हाँ, इस बैठक में चर्चा की गई योजनाओं के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की उम्मीद जताई गई है।
कौन-कौन से क्षेत्र इस बैठक में शामिल थे?
बैठक में एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल ट्रेड, क्लीन एनर्जी और सर्विस जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की गई।