क्या चिराग पासवान की पार्टी जहां चुनाव लड़ेगी, वहां आरएलजेपी उम्मीदवार खड़ा करेगी?

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क्या चिराग पासवान की पार्टी जहां चुनाव लड़ेगी, वहां आरएलजेपी उम्मीदवार खड़ा करेगी?

सारांश

बिहार में चुनावी हलचल तेज हो गई है। चिराग पासवान की पार्टी जहां भी चुनाव लड़ेगी, वहां आरएलजेपी भी अपना उम्मीदवार उतारेगी। दोनों दलों के बीच हो रही प्रतिस्पर्धा से बिहार की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना है।

Key Takeaways

  • आरएलजेपी चिराग पासवान की पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी।
  • महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ रहा है।
  • तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया गया है।
  • बिहार की राजनीति में अंदरूनी खींचतान बढ़ती जा रही है।
  • आरएलजेपी एक स्वतंत्र राजनीतिक इकाई है।

पटना, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी माहौल तेजी से बदल रहा है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा है कि चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जहां कहीं भी चुनाव लड़ेगी, वहां आरएलजेपी भी अपना उम्मीदवार खड़ा करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, जिससे इस बार बिहार की राजनीति में चाचा-भतीजे के बीच की प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।

श्रवण अग्रवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आरएलजेपी ने इस रणनीति को अपना लिया है। उन्होंने कहा, "जहां भी चिराग पासवान की पार्टी उम्मीदवार उतारेगी, वहां राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।" उन्होंने इसे '100 प्रतिशत स्ट्राइक को 0 प्रतिशत स्ट्राइक' में परिवर्तित करने का मिशन बताया।

महागठबंधन के साथ सीट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर श्रवण ने कहा, "अब तक महागठबंधन की किसी बैठक में हमारी पार्टी को नहीं बुलाया गया है। कई बैठकें हुई हैं, जिनमें हमें शामिल नहीं किया गया। हम किसी के पीछे चलने के लिए नहीं हैं। हमारे पास 243 सीटों पर मजबूत संगठन और उम्मीदवार हैं। हमने पहले निर्णय लिया था कि महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब समय बीतने के साथ असंतोष बढ़ रहा है।"

श्रवण ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना है। अगर गठबंधन में शामिल होकर कोई रास्ता निकलता है तो हम उसमें भी आगे बढ़ेंगे, लेकिन हम अकेले चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे।"

श्रवण ने कहा, "एनडीए में पांच पांडवों के बीच महाभारत चल रही है। जीतन राम मांझी के बार-बार बदलते बयानों से एनडीए की स्थिति ठीक नहीं है।"

श्रवण अग्रवाल ने बताया कि आरएलजेपी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया कि बिहार में जहां भी चिराग पासवान की पार्टी चुनाव लड़ेगी, वहां आरएलजेपी भी अपने उम्मीदवार उतारेगी।

महागठबंधन में सीट बंटवारे की प्रक्रिया पर उन्होंने चिंता व्यक्त की और कहा, "चुनाव नजदीक है, नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, लेकिन अभी तक महागठबंधन में हमारा कोई समावेश नहीं हुआ है। यह देरी हमारे लिए चिंता का विषय है।" उन्होंने महागठबंधन के नेताओं से जल्द निर्णय लेने की अपील की।

श्रवण ने स्पष्ट किया कि आरएलजेपी एक स्वतंत्र राजनीतिक इकाई है और वह किसी के पीछे नहीं चलेगी।

इस बीच, बिहार की राजनीति में चिराग पासवान और पारस परिवार के बीच विवाद बढ़ता दिख रहा है। यह जंग बिहार चुनाव की राजनीतिक तस्वीर को और रोचक बना रही है, जहां महागठबंधन की सीटों को लेकर उलझनें हैं और एनडीए में भी अंदरूनी खींचतान साफ नजर आ रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की चुनावी राजनीति में चिराग पासवान और आरएलजेपी के बीच की प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण मोड़ पर है। यह न केवल दोनों दलों के लिए, बल्कि पूरे राज्य की राजनीतिक तस्वीर के लिए एक महत्वपूर्ण समय है।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

आरएलजेपी का चुनाव लड़ने का क्या निर्णय है?
आरएलजेपी ने निर्णय लिया है कि वह चिराग पासवान की पार्टी जहां भी चुनाव लड़ेगी, वहां अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी।
महागठबंधन में आरएलजेपी की स्थिति क्या है?
महागठबंधन की किसी बैठक में आरएलजेपी को शामिल नहीं किया गया है, जिससे पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है।
चुनाव में प्रमुख मुद्दे क्या होंगे?
चुनाव में चाचा-भतीजे की जंग और महागठबंधन की सीट बंटवारे की प्रक्रिया प्रमुख मुद्दे होंगे।