क्या राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वॉर मेमोरियल जाकर शहीदों को नमन किया?

सारांश
Key Takeaways
- राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
- उन्होंने एचएमएएस कुत्ताबुल का दौरा किया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
- द्विपक्षीय बैठक में रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई गई।
- ऑस्ट्रेलियाई संसद में उन्हें विशेष सम्मान दिया गया।
- प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भारत के साथ साझेदारी को मजबूत करने की बात की।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को सिडनी में ऐतिहासिक और रणनीतिक नौसैनिक फैसिलिटी एचएमएएस कुत्ताबुल का दौरा किया।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, राजनाथ सिंह ने 9 अक्टूबर, 2025 को कैनबरा में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के साथ-साथ रक्षा, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
बैठक के दौरान, राजनाथ सिंह ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ती दोस्ती पर जोर दिया। वोंग ने ऑस्ट्रेलियाई समाज में जीवंत भारतीय प्रवासियों के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और यह बताया कि दोनों देश भौगोलिक रूप से दूर होने के बावजूद, उनके दृष्टिकोण और मूल्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
इस यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह कैनबरा स्थित ऑस्ट्रेलियाई युद्ध स्मारक पर भी गए, जहाँ उन्होंने शहीद सैनिकों की समाधि पर पहुँचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलियाई संसद में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। संसद के अध्यक्ष, मिल्टन डिक ने उन्हें खास अतिथि के रूप में सम्मानित किया। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज सहित कई सांसदों ने रक्षा मंत्री का अभिवादन किया और चर्चा की।
राजनाथ सिंह, ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के निमंत्रण पर बुधवार को सिडनी पहुंचे। उन्होंने वहां ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ द्विपक्षीय बैठकें की।
बैठकों के बाद, पीएम अल्बनीज ने सोशल मीडिया पर लिखा: "ऑस्ट्रेलिया और भारत की रक्षा साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है—जो विश्वास, साझा हितों और शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित है।" भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर उन्हें खुशी हुई।