क्या बंगाल एसआईआर: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्तियों की सुनवाई आज से शुरू होगी?

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क्या बंगाल एसआईआर: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्तियों की सुनवाई आज से शुरू होगी?

सारांश

पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया के दूसरे चरण की शुरुआत हो रही है। 16 दिसंबर को प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई आज से शुरू होगी। जानिए एसआईआर का महत्व और इस बार की प्रक्रिया में क्या खास है।

Key Takeaways

  • बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है।
  • ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई होगी।
  • ईसीआई ने 4,600 माइक्रो-ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं।
  • सुनवाई का लक्ष्य 150 मामलों की रोजाना सुनवाई है।
  • मतदाता सूची में सुधार के लिए आयोग ने कई कदम उठाए हैं।

कोलकाता, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में तीन चरणों वाले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के पहले चरण का समापन हो चुका है, और इसी के साथ दूसरा चरण शनिवार से आरंभ होने जा रहा है। इस चरण में 16 दिसंबर को प्रकाशित हुई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई शुरू होगी।

हर सुनवाई सत्र का संचालन इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) करेंगे, जिनका सहयोग असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (एईआरओ) करेंगे।

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने हर टेबल पर सुनवाई प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक माइक्रो-ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। कुल मिलाकर, आयोग ने सुनवाई सत्रों की निगरानी के लिए 4,600 माइक्रो-ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं, जो या तो केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं या केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी हैं, खासकर ग्रुप-बी और कुछ ग्रुप-ए श्रेणी के।

आयोग ने हर ईआरओ के लिए रोज 150 मामलों की सुनवाई पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।

सुनवाई का प्रारंभिक चरण उन 'अनमैप्ड' मतदाताओं पर केंद्रित होगा, जिनका 2002 की वोटर लिस्ट से कोई लिंक नहीं है, चाहे वह 'सेल्फ-मैपिंग' से हो या 'प्रोजेनी मैपिंग' से। ऐसे अनमैप्ड वोटर्स की संख्या लगभग 30 लाख है। ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में पिछली बार 2002 में एसआईआर किया गया था।

सुनवाई के अगले चरण में आयोग ने 'वंश मैपिंग' के दौरान अजीब फैमिली-ट्री डेटा वाले संदिग्ध मामलों का पता लगाया है। ऐसे संदिग्ध मामलों की संख्या लगभग 1.36 करोड़ है।

कुछ संदिग्ध मामलों में ऐसे मतदाता शामिल थे जो 45 साल या उससे अधिक उम्र के थे लेकिन 2002 की वोटर लिस्ट में शामिल नहीं थे, ऐसे मतदाता जो 15 साल या उससे कम उम्र में पिता बन गए थे, ऐसे मतदाता जो 40 साल या उससे कम उम्र में दादा बन गए थे, और ऐसे मतदाता जिनके माता-पिता के नाम समान थे।

आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए हैं कि सुनवाई के दौरान जाली पहचान पत्रों को असली मानकर स्वीकार न किया जाए। आयोग ने इस मामले में ईआरओ और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, साथ ही डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल अधिकारियों की जवाबदेही तय की थी।

वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट 16 दिसंबर को प्रकाशित किया गया था। अंतिम वोटर लिस्ट अगले साल 14 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। इसके तुरंत बाद, ईसीआई अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग की तारीखों का ऐलान करेगा।

Point of View

जिससे मतदाता सूची में सुधार हो सके। यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर प्रक्रिया क्या है?
एसआईआर, या स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, मतदाता सूची को अपडेट करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें दावों और आपत्तियों पर सुनवाई की जाती है।
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट कब प्रकाशित हुई थी?
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 16 दिसंबर को प्रकाशित की गई थी।
अंतिम वोटर लिस्ट कब जारी की जाएगी?
अंतिम वोटर लिस्ट अगले साल 14 फरवरी को जारी की जाएगी।
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