क्या स्टालिन ने 10,000 ग्राम सभाओं को संबोधित कर ग्रामीण विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया?

Click to start listening
क्या स्टालिन ने 10,000 ग्राम सभाओं को संबोधित कर ग्रामीण विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया?

सारांश

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 10,000 से ज्यादा ग्राम सभाओं को संबोधित किया और ग्रामीण विकास की दिशा में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्थानीय शासन, शिक्षा, और बाल कल्याण पर भी बात की। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना और लोकतंत्र को मज़बूत करना है।

Key Takeaways

  • ग्राम सभाओं का उद्देश्य स्थानीय आवश्यकताओं की पहचान करना है।
  • मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के विचारों को पुनर्जीवित किया।
  • विकास लक्ष्यों पर चर्चा करने के लिए ग्राम सभा बैठकें आयोजित की जाती हैं।
  • महिलाओं की उद्यमिता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • गांवों में शिक्षा और बाल कल्याण का महत्व है।

चेन्नई, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमिलनाडु की 10,000 से अधिक ग्राम सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

स्थानीय आवश्यकताओं की पहचान करने और जीवन स्तर तथा बुनियादी ढांचे में सुधार के उद्देश्य से 12,480 ग्राम पंचायतों में एक साथ बैठकें आयोजित की गईं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, "गांव हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं। जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था, स्वतंत्र भारत की शक्ति उसके गांवों में निहित है। हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और स्थानीय शासन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। ये पहल तमिलनाडु की पंचायतों के विकास की नींव रखती हैं।"

ग्राम सभाओं को सहभागी लोकतंत्र का मंच बताते हुए, स्टालिन ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को पंचायत प्रशासन का हिस्सा बनने का अधिकार है।

उन्होंने आगे कहा, "इसलिए हर साल छह ग्राम सभा बैठकें आयोजित की जाती हैं, जहां लोग विकास लक्ष्यों, कल्याणकारी उपायों पर चर्चा करते हैं और प्रमुख प्रस्ताव पारित करते हैं।"

मुख्यमंत्री ने निवासियों से प्रत्येक पंचायत की तीन प्रमुख आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने और 'नम्मा ऊरु नम्मा अरासु' (हमारा गांव, हमारा शासक) योजना के तहत प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया।

उन्होंने अधिकारियों को गांव की गलियों, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों से जाति-आधारित नाम हटाने और सामुदायिक सहमति से उनकी जगह तटस्थ या प्रकृति-प्रेरित नाम रखने का निर्देश दिया।

उन्होंने स्पष्ट किया, "अगर जनता किसी मौजूदा नाम को ही रखना चाहती है, तो उसे बदलने की जरूरत नहीं है।"

स्टालिन ने शिक्षा और बाल कल्याण के महत्व पर जोर दिया और ग्रामीणों से बाल श्रम की किसी भी घटना की सूचना जिला प्रशासन को देने की अपील की।

उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के योगदान की सराहना की और घोषणा की कि इस पहल का अगला चरण 'विद्याल यात्रा' कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं की छात्रवृत्ति और उद्यमिता पर केंद्रित होगा।

मुख्यमंत्री ने पंचायतों से मानसून संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए निवारक कदम उठाने, वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने, प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाने और डेंगू की रोकथाम के उपायों को तेज करने की अपील की।

इन ग्राम सभाओं के दौरान, ग्रामीण परिवारों के लिए गरीबी उन्मूलन ऋण, लाभार्थियों की प्राथमिकता और सतत विकास की रणनीतियों सहित 16 प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई।

केंद्र सरकार के निर्देशानुसार, 7,515 ग्राम पंचायतों की बैठकों की वीडियो रिकॉर्डिंग 'एसयूबीएसयूआर वेब पोर्टल' पर अपलोड की जा रही है। अधिकारियों ने पुष्टि की कि इसी महीने के अंत में तमिलनाडु के 12,838 शहरी वार्डों में भी इसी तरह की भागीदारी बैठकें आयोजित की जाएंगी।

Point of View

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का यह प्रयास ग्रामीण विकास को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि ग्रामीणों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का भी अवसर मिलेगा। यह पहल देश की समृद्धि के लिए आवश्यक है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

मुख्यमंत्री स्टालिन ने ग्राम सभाओं को संबोधित करने का उद्देश्य क्या बताया?
उन्होंने ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
ग्राम सभाओं में किन विषयों पर चर्चा हुई?
16 प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें गरीबी उन्मूलन ऋण और सतत विकास की रणनीतियां शामिल थीं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को क्या निर्देश दिया?
उन्होंने जाति-आधारित नामों को हटाने और सामुदायिक सहमति से नए तटस्थ नाम रखने का निर्देश दिया।