क्या 'भारत टैक्सी ऐप' सर्ज प्राइसिंग पर रोक लगाएगा, नितिन गडकरी ने दी जानकारी?

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क्या 'भारत टैक्सी ऐप' सर्ज प्राइसिंग पर रोक लगाएगा, नितिन गडकरी ने दी जानकारी?

सारांश

क्या 'भारत टैक्सी ऐप' सर्ज प्राइसिंग पर रोक लगाएगा? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐप के टेस्टिंग फेज की जानकारी दी है, जो ड्राइवरों के स्वामित्व पर आधारित होगा। जानिए इसके लाभ और गाइडलाइंस के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत टैक्सी ऐप सहकारी मॉडल पर आधारित है।
  • यह ऐप सर्ज प्राइसिंग पर रोक लगाने का प्रयास कर रहा है।
  • सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
  • ड्राइवरों को 80% किराया मिलेगा।
  • यात्री डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं देंगे।

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। निजी ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर्स, अर्थात् प्राइवेट कैब ऐप्स के चलते किराए में बढ़ोतरी (सर्ज प्राइसिंग) के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सहकारी मोबाइल ऐप 'भारत टैक्सी ऐप' वर्तमान में टेस्टिंग और ट्रायल फेज में है।

गडकरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत टैक्सी ऐप का मूल उद्देश्य सहकारी मॉडल पर ड्राइवरों के स्वामित्व वाली एक एप्लीकेशन का निर्माण करना है। यह ऐप सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (एसटीसीएल) के तहत कार्य करेगा। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) इस 'भारत टैक्सी' राइड-हेलिंग सेवा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

गडकरी ने आगे बताया कि सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं, जिनका उद्देश्य एग्रीगेटर्स, जिनमें ऐप-आधारित कैब सेवाएं भी शामिल हैं, को हल्के ढंग से रेगुलेट करना है। इसके साथ ही, उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और ड्राइवर की भलाई से संबंधित मुद्दों का ध्यान रखना है। इन गाइडलाइंस में किराए से संबंधित नियम भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, "इन गाइडलाइंस में डायनेमिक प्राइसिंग की अनुमति दी गई है, जिसमें एग्रीगेटर्स राज्य-निर्धारित बेस फेयर से 50 प्रतिशत कम शुल्क ले सकते हैं और पीक घंटों में अधिकतम सर्ज प्राइसिंग को बेस फेयर के दो गुना तक सीमित किया गया है। इसके अलावा, पारदर्शिता, ज़िम्मेदारी और यात्रियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा निर्धारित शुल्क को बेस फेयर माना जाएगा।"

गाइडलाइंस के अनुसार, ड्राइवर-स्वामित्व वाला वाहन कम से कम 80 प्रतिशत किराया प्राप्त करेगा, जबकि एग्रीगेटर द्वारा स्वामित्व वाले वाहन के मामले में ऑन-बोर्ड ड्राइवर को कम से कम 60 प्रतिशत भाड़ा मिलेगा। वहीं, सर्ज प्राइसिंग के मामले में लाभार्थी ड्राइवर होगा। इससे आपूर्ति बढ़ेगी और उच्च मांग के दौरान सेवाएं बेहतर उपलब्ध होंगी।

गडकरी ने बताया कि गाइडलाइंस में यह भी प्रावधान है कि यदि एग्रीगेटर कोई अत्यधिक या अनुचित भाड़ा यात्रियों से वसूलता है, तो उनके लाइसेंस को निलंबित या रद्द किया जा सकता है। गाइडलाइंस यह सुनिश्चित करती हैं कि किसी भी यात्री से डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा, सिवाय इसके कि जब यात्रा की दूरी तीन किलोमीटर से कम हो और भाड़ा केवल शुरुआत बिंदु से गंतव्य तक ही लिया जाएगा।

- राष्ट्र प्रेस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस

Point of View

'भारत टैक्सी ऐप' की पहल एक सकारात्मक कदम है जो न केवल ड्राइवरों की भलाई को सुनिश्चित करेगा, बल्कि यात्रियों के लिए भी सस्ती और पारदर्शी सेवा प्रदान करेगा। इस ऐप के माध्यम से सहकारी मॉडल को बढ़ावा देना एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत टैक्सी ऐप क्या है?
भारत टैक्सी ऐप एक सहकारी मोबाइल ऐप है जो ड्राइवरों के स्वामित्व पर आधारित है और सर्ज प्राइसिंग पर रोक लगाने का प्रयास कर रहा है।
सर्ज प्राइसिंग क्या है?
सर्ज प्राइसिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कैब सेवाएं विशेष समय पर किराए को बढ़ा देती हैं, खासकर पीक आवर्स में।
भारत टैक्सी ऐप कब लॉन्च होगा?
भारत टैक्सी ऐप वर्तमान में टेस्टिंग और ट्रायल फेज में है, इसकी लॉन्चिंग की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है।
क्या यह ऐप ड्राइवरों के लिए फायदेमंद होगा?
हां, यह ऐप ड्राइवरों को अधिक किराया प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा और उनकी भलाई को सुनिश्चित करेगा।
क्या सरकार इस ऐप को नियंत्रित करेगी?
जी हां, सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं, जो इस ऐप को नियंत्रित करेंगी।
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