क्या स्वदेशी अभियानों से 2030 तक घरेलू वस्त्रों की मांग 250 अरब डॉलर तक पहुंचेगी?

Click to start listening
क्या स्वदेशी अभियानों से 2030 तक घरेलू वस्त्रों की मांग 250 अरब डॉलर तक पहुंचेगी?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारत के वस्त्रों की मांग 2030 तक 250 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है? जानिए स्वदेशी अभियानों के माध्यम से यह कैसे संभव होगा।

Key Takeaways

  • घरेलू वस्त्रों की मांग 2030 तक 250 अरब डॉलर तक पहुँच सकती है।
  • स्वदेशी अभियान शहरी युवाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है।
  • भारत में वस्त्र और परिधान बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
  • यह अभियान हथकरघा और हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करेगा।
  • जीएसटी में बदलाव से मांग में वृद्धि हो सकती है।

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) वस्त्र मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि वह विशेष रूप से शहरी युवा और जेनरेशन जी के बीच हथकरघा, हस्तशिल्प और वस्त्र उत्पादों की घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिए अगले छह से नौ महीनों में एक राष्ट्रव्यापी 'स्वदेशी अभियान' शुरू करेगा।

मंत्रालय ने बताया कि स्वदेशी अभियानों के कार्यान्वयन के बाद घरेलू वस्त्रों की मांग में 9-10 प्रतिशत प्रति वर्ष की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे 2030 तक यह 250 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।

सरकार के अनुसार, भारत के वस्त्र और परिधान बाजार का मूल्यांकन 2024 में 179 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें हर साल 7 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है।

भारतीय वस्त्र बाजार में हाउसहोल्ड (एचएच) सेक्टर का योगदान 58 प्रतिशत है और यह 8.19 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है।

इसके साथ ही, गैर-घरेलू खपत का भारतीय बाजार में हिस्सा 21 प्रतिशत है और यह 6.79 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है।

शहरी युवाओं और जेनरेशन जी के बीच कपड़ा खपत को प्रोत्साहित करने के लिए स्वदेशी अभियान पूरे भारत में चलाया जाएगा, साथ ही बुनकरों, कारीगरों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए बाजार पहुंच और आय के अवसरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारतीय वस्त्रों को, विशेष रूप से युवा उपभोक्ताओं के लिए, गौरव और शैली के प्रतीक के रूप में पुनः स्थापित करना है।

एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और शैक्षणिक संस्थानों को भारत में निर्मित वस्त्रों को वर्दी और साज-सज्जा के लिए अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि यह पहल मौजूदा कार्यक्रमों का पूरक है, जिसमें वस्त्रों के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना, पीएम मित्र पार्क और एक जिला एक उत्पाद पहल शामिल हैं।

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह कार्यक्रम, सोशल मीडिया आउटरीच और राज्य-स्तरीय भागीदारी अभियान के नारे को बढ़ावा देगा।

सरकार ने यह भी कहा कि जीएसटी दरों में हाल के बदलावों से घरेलू और गैर-घरेलू क्षेत्रों में वस्त्र और परिधानों की मांग बढ़ेगी, जिससे देश में वस्त्रों की खपत में वृद्धि दर बढ़ सकती है।

Point of View

बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। यह समग्र रूप से देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान करेगा।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

स्वदेशी अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
स्वदेशी अभियान का मुख्य उद्देश्य भारतीय वस्त्रों को विशेष रूप से युवा उपभोक्ताओं के लिए गौरव और शैली के प्रतीक के रूप में पुनः स्थापित करना है।
क्या इस अभियान से वस्त्रों की मांग में वृद्धि होगी?
हाँ, मंत्रालय के अनुसार, यह अभियान घरेलू वस्त्रों की मांग को 2030 तक 250 अरब डॉलर तक पहुँचाने की संभावना रखता है।