क्या तमिलनाडु में सरकारी कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल का ऐलान किया है, सरकार ने सैलरी काटने की चेतावनी दी?
सारांश
Key Takeaways
- हड़ताल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- सरकार की चेतावनी ने कर्मचारियों को सावधान किया है।
- उपस्थिति की निगरानी से ड्यूटी पर कर्मचारियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी।
- पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग तेज हो रही है।
- सरकार को कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है।
चेन्नई, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु की राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न सरकारी कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल करने का निर्णय लिया है। परंतु, सरकार ने कर्मचारियों को ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने पर एक दिन की सैलरी काटने का संदेश दिया है।
तमिलनाडु में सरकारी कर्मचारी और शिक्षक संघ के नेतृत्व में सरकारी कर्मचारी यूनियनें लगातार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। कर्मचारी कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम (सीपीएस) को समाप्त करने और पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को पुनर्स्थापित करने की मांग उठा रहे हैं। इसी आंदोलन के तहत, यूनियनों ने गुरुवार को एक दिन की हड़ताल की घोषणा की है, जिसमें सभी विभागों के कर्मचारियों से काम से दूर रहने का आग्रह किया गया है।
हड़ताल की घोषणा के बाद, तमिलनाडु के मुख्य सचिव एन. मुरुगानंदम ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने वाले सभी कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी काटी जाएगी।
मुख्य सचिव ने एक सर्कुलर जारी कर चेतावनी दी है कि छुट्टी लेने वाले किसी भी कर्मचारी की सैलरी काटी जाएगी। सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और जिला कलेक्टरों को भेजे गए सर्कुलर में निर्देश दिया गया है कि 11 दिसंबर को किसी भी तरह की कैजुअल लीव या किसी अन्य प्रकार की छुट्टी मंजूर नहीं की जाएगी। हालाँकि, मेडिकल आधार पर छुट्टी की अनुमति दी गई है।
मुख्य सचिव ने सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति की निगरानी पर जोर दिया है। विभाग प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कर्मचारी सामान्य रूप से ड्यूटी पर रिपोर्ट करें और किसी भी अनधिकृत अनुपस्थिति पर ध्यान दें।
सर्कुलर में कहा गया है कि उपस्थिति नियमों का पालन न करने वाले अधिकारियों को सेवा नियमों का उल्लंघन करने वाला माना जाएगा।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को सुबह 10.15 बजे तक ईमेल के माध्यम से सरकार को एक समेकित उपस्थिति रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया है। इस रिकॉर्ड में उपस्थित और अनुपस्थित कर्मचारियों के नाम व बिना उचित मंजूरी के छुट्टी लेने की कोशिश करने वालों के नाम शामिल होने की उम्मीद है।