क्या त्रिपुरा सरकार 1996 के नरसंहार मामले को फिर से खोलेगी?: सीएम साहा

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क्या त्रिपुरा सरकार 1996 के नरसंहार मामले को फिर से खोलेगी?: सीएम साहा

सारांश

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने हाल ही में घोषणा की है कि राज्य सरकार कल्याणपुर बाजार कॉलोनी नरसंहार मामले को फिर से खोलने के लिए हाई कोर्ट का रुख करेगी। इस कदम का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय दिलाना और दोषियों को सजा दिलाना है।

Key Takeaways

  • 1996 के नरसंहार मामले को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है।
  • मुख्यमंत्री माणिक साहा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की योजना बनाई है।
  • पीड़ितों को न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है।
  • राज्य में शांति कायम रखना सरकार की प्राथमिकता है।
  • दोषियों को सजा दी जाएगी।

अगरतला, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार कल्याणपुर बाजार कॉलोनी नरसंहार मामले को फिर से खोलने के लिए हाई कोर्ट का रुख करेगी, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

कल्याणपुर बाजार कॉलोनी (जिला ख्वाई) में 12 दिसंबर 1996 की रात हुए इस सामूहिक हत्याकांड में 26 निर्दोष लोगों, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष शामिल थे, की उग्रवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज भी बुजुर्ग लोग उस भयावह रात को याद करते हैं।

मुख्यमंत्री साहा ने आरोप लगाया कि उस समय की कम्युनिस्ट पार्टी जिम्मेदार थी। उन्होंने कहा, “मैं उन शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं और उनसे शक्ति मांगता हूं कि मैं न्याय के लिए लड़ सकूं। सभी जानते हैं कि इसके जिम्मेदार कौन थे।” उन्होंने कम्युनिस्टों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनके लिए ‘कम्युनिस्ट’ शब्द हत्या, बलात्कार, आतंक और जनता का दमन करने का पर्याय बन गया है।

सीएम ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि विधानसभा में सीपीआई(एम) के 10 विधायक कैसे चुनकर आ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सीपीआई(एम) और उसकी फ्रंटल संस्था गणमुख्ति परिषद के कैडर स्थानीय पार्टियों में शामिल होकर अस्थिरता पैदा कर रहे हैं तथा इनका संचालन अगरतला स्थित लाल भवन से हो रहा है।

उन्होंने बताया कि एक सूची तैयार की जा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।

साहा ने कहा कि राज्य में शांति कायम रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने दावा किया कि दक्षिण त्रिपुरा जिले में सीपीआई(एम) शासनकाल में 69 लोगों की हत्या हुई थी और एटीटीएफ (ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स) उग्रवादी संगठन ने अलग-अलग वर्षों में कई हत्याएं कीं।

सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में ईशान्य क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए अब तक 12 समझौते किए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से कई उग्रवादियों को मुख्यधारा में लाया गया है।

उन्होंने कहा कि जो आतंकवादी लोगों की हत्या, बलात्कार और हिंसा में शामिल थे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। कुछ आतंकवादी आज भी मुखौटा पहनकर सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं, लेकिन सरकार उन्हें सजा दिलाने का प्रयास करेगी।

साहा ने कहा कि भाजपा सरकार पिछले कुछ वर्षों में त्रिपुरा के जाति (गैर-आदिवासी) और जनजाति (आदिवासी) समुदायों के विकास के लिए कई पहल कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य में अब बंदूक और हथियारों की राजनीति को स्थान नहीं दिया जाएगा और एक नया त्रिपुरा बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्युनिस्टों ने कभी भी उग्रवादियों द्वारा मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी। उन्होंने कहा कि वे हाई कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि इन मामलों को नए सिरे से खोलने की अनुमति दें ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और अपराधियों को दंडित किया जा सके।

इस मौके पर विधानसभा के सरकारी मुख्य सचेतक कल्याण रॉय, विधायक पिनाकी दास चौधरी और अन्य नेता मुख्यमंत्री के साथ मौजूद थे।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य में उग्रवाद और राजनीतिक अस्थिरता के मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

कल्याणपुर बाजार कॉलोनी नरसंहार क्या है?
यह एक सामूहिक हत्या का मामला है, जिसमें 12 दिसंबर 1996 को 26 निर्दोष लोगों की हत्या की गई थी।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस मामले में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को फिर से खोलने के लिए हाई कोर्ट का रुख करेगी।
क्या इस कदम का उद्देश्य केवल न्याय है?
हाँ, इसका मुख्य उद्देश्य पीड़ितों को न्याय दिलाना और दोषियों को सजा दिलाना है।
क्या यह मामला राजनीतिक स्थिरता पर प्रभाव डाल सकता है?
हाँ, यह त्रिपुरा की राजनीतिक स्थिरता और कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ जनभावना को प्रभावित कर सकता है।
क्या मुख्यमंत्री ने उग्रवादियों के खिलाफ कोई बयान दिया?
हाँ, उन्होंने कहा कि जो उग्रवादी हिंसा में शामिल थे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
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