क्या हिंदुओं के त्योहार सड़क पर मनाए जाने पर विवाद होना चाहिए? : अबू आजमी

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क्या हिंदुओं के त्योहार सड़क पर मनाए जाने पर विवाद होना चाहिए? : अबू आजमी

सारांश

अबू आजमी के विवादास्पद बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि क्या हिंदुओं के त्योहारों का सड़क पर मनाया जाना सही है? क्या यह आम जनता के लिए परेशानी का कारण बनता है? जानिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • अबू आजमी का बयान धार्मिक आयोजनों और आम जनता की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करता है।
  • सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर विरोध होना एक संवेदनशील मुद्दा है।
  • धार्मिक आयोजनों को लेकर सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान होना चाहिए।
  • मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाना एक विवाद का विषय बन चुका है।
  • मराठी और हिंदी भाषाओं के प्रति सम्मान आवश्यक है।

सोलापुर (महाराष्ट्र), 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने रविवार को एक विवादास्पद बयान में कहा कि वारी यात्रा के चलते रास्ते जाम हो जाते हैं, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि हम अपने हिंदू भाइयों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं। आज तक किसी भी मुसलमान ने यह शिकायत नहीं की कि सड़क पर त्योहार क्यों मनाया जाता है। लेकिन जब मस्जिद भर जाती है और कुछ लोग मजबूरी में बाहर नमाज पढ़ने आते हैं, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि नमाजियों का पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

अबू आजमी ने कहा, "मैं पुणे से आ रहा था जब कहा गया कि पालकी जाने वाली है, जल्दी जाना होगा, नहीं तो रास्ता जाम हो जाएगा। हमने कभी रास्ता जाम होने का मुद्दा नहीं उठाया और न ही उसका विरोध किया। लेकिन हमारे सड़क पर नमाज पढ़ने का हर जगह विरोध होता है। देश में जानबूझकर मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है।"

उन्होंने महाराष्ट्र में संत ज्ञानेश्वर महाराज और तुकाराम महाराज की पालकी को लेकर यह बात कही है।

अबू आजमी ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने के विरोध में भी अपनी आवाज उठाई है। उनका कहना है कि न्यायालय ने किसी भी धार्मिक स्थान से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश दिया था, लेकिन महाराष्ट्र में सिर्फ मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है।

राज ठाकरे मराठी भाषा को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। अबू आजमी ने कहा, "महाराष्ट्र में अगर तीन भाषाएं होती हैं तो पहली मराठी हो, दूसरी हिंदी और तीसरी अंग्रेजी। संसद की एक समिति देशभर में हिंदी को बढ़ावा देने का काम करती है। मराठी का सम्मान होना चाहिए, लेकिन हिंदी का अपमान नहीं होना चाहिए।"

Point of View

यह आवश्यक है कि सभी पक्षों की चिंताओं को ध्यान में रखा जाए।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या अबू आजमी का बयान सही है?
अबू आजमी का बयान उनके व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करता है और यह समाज में विभिन्न दृष्टिकोणों को दर्शाता है।
वारी यात्रा से रास्ते जाम होते हैं?
जी हाँ, वारी यात्रा के दौरान रास्ते जाम होने की समस्या आम है, जो यातायात को प्रभावित कर सकती है।
क्या धार्मिक आयोजन पर रोक लगाई जा सकती है?
धार्मिक आयोजनों को रोकना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है, लेकिन यातायात की स्थिति को ध्यान में रखना आवश्यक है।