क्या हावड़ा नगर निगम की लापरवाही से दो कर्मचारियों की जान गई?

सारांश
Key Takeaways
- हादसा नगर निगम के मुख्य कार्यालय के सामने हुआ।
- पेड़ कई दिनों से झुका हुआ था।
- स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
- नगर निगम ने मृतकों के परिवारों को सहायता देने का आश्वासन दिया।
- पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हावड़ा, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बुधवार सुबह हावड़ा नगर निगम के मुख्य कार्यालय के सामने एक बड़ा पेड़ अचानक गिर गया, जिससे दो अस्थायी कर्मचारियों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान उमेश महतो और नूर मोहम्मद के रूप में की गई है।
यह घटना सुबह के समय हुई, जब ये कर्मचारी नगर निगम के मुख्य गेट के पास चाय पीते और अखबार पढ़ते हुए थे। पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर शवों को बरामद कर लिया और आपदा प्रबंधन विभाग ने पेड़ को हटाने का कार्य शुरू कर दिया।
स्थानीय निवासियों और एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, यह पेड़ कई दिनों से झुका हुआ था और नगर निगम को इसकी सूचना दी गई थी। इसके बावजूद कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते यह गंभीर हादसा हुआ। यदि यह घटना कार्यालय समय में होती, तो और भी लोग घायल हो सकते थे।
हावड़ा नगर निगम के अध्यक्ष सुजय चक्रवर्ती ने इसे एक दुखद घटना बताते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा, "यह एक बड़ा हादसा है। नगर निगम मृतकों के परिवारों को सहायता राशि प्रदान करेगा और हर संभव मदद के लिए तत्पर है।"
उन्होंने बताया कि पेड़ के अचानक गिरने से यह दुर्घटना हुई। वहीं, भाजपा नेता उमेश राय ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "नगर निगम को पहले ही पेड़ के झुके होने की जानकारी थी, लेकिन समय पर कार्रवाई नहीं की गई। इस लापरवाही के कारण दो लोगों की जान चली गई।"
स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। पुलिस मामले की जांच कर रही है और नगर निगम ने मृतकों के परिवारों को सहायता का आश्वासन दिया है।