क्या हुमायूं कबीर 22 दिसंबर को अपनी पार्टी लॉन्च करेंगे और एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करेंगे?

Click to start listening
क्या हुमायूं कबीर 22 दिसंबर को अपनी पार्टी लॉन्च करेंगे और एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करेंगे?

सारांश

क्या हुमायूं कबीर की नई पार्टी एआईएमआईएम के साथ चुनावी गठबंधन करेगी? जानें उनके इरादों और राजनीतिक साज़िशों के बारे में।

Key Takeaways

  • हुमायूं कबीर 22 दिसंबर को नई पार्टी लॉन्च करेंगे।
  • वे एआईएमआईएम के साथ चुनावी गठबंधन की योजना बना रहे हैं।
  • सीपीआई (एम), कांग्रेस और आईएसएफ को भी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है।
  • 2021 के चुनावों में गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा था।
  • कबीर ने पहले ही ओवैसी के साथ बातचीत की है।

कोलकाता, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता हुमायूं कबीर ने रविवार को यह इच्छा व्यक्त की है कि 22 दिसंबर को अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने के बाद, वह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ एक चुनावी गठबंधन करेंगे।

उन्होंने सीपीआई (एम), कांग्रेस और नौशाद सिद्दीकी की इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को भी राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और केंद्र में भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए गठबंधन में शामिल होने का आमंत्रण दिया।

हुमायूं कबीर ने कहा, "मैं 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी के नाम की घोषणा करूंगा। मेरी पार्टी असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। मैंने इस मुद्दे पर ओवैसी साहब के साथ पहले ही बातचीत कर ली है। उन्होंने मुझे आगे की चर्चाओं के लिए हैदराबाद आने को कहा है।"

यह बयान मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखने के एक दिन बाद आया। कबीर ने कहा, "एआईएमआईएम के साथ हमारा गठबंधन पक्का हो चुका है। मैं सीपीआई (एम), आईएसएफ और कांग्रेस का भी स्वागत करता हूं ताकि हम केंद्र में भाजपा और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एकजुट होकर लड़ सकें। एक बार जब गठबंधन अंतिम रूप ले ले, तो हम सीट-शेयरिंग पर चर्चा कर सकते हैं।"

2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस ने नए बने इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ चुनावी गठबंधन किया था। हालांकि, इस गठबंधन का प्रदर्शन बहुत खराब रहा, जिसमें लेफ्ट और कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाए, जबकि आईएसएफ को 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में केवल एक सीट प्राप्त हुई।

हुमायूं कबीर की पार्टी अभी तक लॉन्च नहीं हुई है और लेफ्ट और कांग्रेस ने बंगाल में अलग-अलग चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

सूत्रों का कहना है कि सीपीआई (एम) ने पहले ही कबीर के संगठन के साथ किसी भी चुनावी गठबंधन से इनकार कर दिया है, क्योंकि नेताओं ने यह दावा किया है कि वह भाजपा के एजेंट के अलावा कुछ नहीं हैं।

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

हुमायूं कबीर कौन हैं?
हुमायूं कबीर तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता हैं जो अब अपनी नई पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं।
क्या कबीर एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करेंगे?
हाँ, उन्होंने अपनी पार्टी लॉन्च करने के बाद एआईएमआईएम के साथ चुनावी गठबंधन की योजना बनाई है।
कबीर ने किन दलों को गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है?
उन्होंने सीपीआई (एम), कांग्रेस और आईएसएफ को भी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है।
क्या पिछले चुनावों में गठबंधन सफल रहा था?
नहीं, पिछले चुनावों में गठबंधन का प्रदर्शन बहुत खराब रहा था।
कबीर की नई पार्टी का नाम क्या होगा?
कबीर 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे।
Nation Press