क्या हैदराबाद में अवैध सरोगेसी रैकेट के खिलाफ ईडी का एक्शन?

सारांश
Key Takeaways
- अवैध सरोगेसी रैकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
- ईडी ने 9 स्थानों पर छापेमारी की।
- कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।
- यह कार्रवाई पीएमएलए, 2002 के तहत की गई।
- सरोगेसी सेवाओं को वैध दिखाने के लिए दस्तावेज तैयार किए गए थे।
हैदराबाद, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हैदराबाद शाखा ने शुक्रवार को अवैध सरोगेसी रैकेट के मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी साझा की। ईडी ने बताया कि इस मामले में हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में 9 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए गए।
ईडी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इस कार्रवाई की जानकारी दी। ईडी ने कहा, "ईडी, हैदराबाद ने यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी एंड रिसर्च सेंटर के नाम से डॉ. पचीपल्ली नम्रता उर्फ अथलूरी नम्रता द्वारा संचालित अवैध सरोगेसी रैकेट के संबंध में पीएमएलए, 2002 के तहत 25 सितंबर को हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में 9 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।"
जानकारी के अनुसार, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत हुई इस कार्रवाई के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए, जिनमें धोखाधड़ी के शिकार दंपतियों का विवरण, अपराध की आय से खरीदी गई संपत्तियों के कागजात और नकली सरोगेसी समझौतों के प्रमाण शामिल हैं।
ईडी ने बताया कि डॉ. पचीपल्ली नम्रता उर्फ अथलूरी नम्रता द्वारा संचालित यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी एंड रिसर्च सेंटर का यह रैकेट पिछले कई वर्षों से सक्रिय था।
ईडी के अनुसार, डॉ. नम्रता ने सरोगेसी सेवाओं को वैध दिखाने के लिए दस्तावेज तैयार किए, जबकि वास्तव में वे बच्चा तस्करी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश में लिप्त थीं।
यह कार्रवाई हैदराबाद के गोपालपुरम पुलिस स्टेशन में दर्ज कई एफआईआर पर आधारित है, जिसमें धोखाधड़ी, धोखा, आपराधिक साजिश, अवैध सरोगेसी और बच्चा तस्करी के आरोप शामिल हैं।
फिलहाल, ईडी इस मामले में जांच कर रही है।