क्या आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 दुनिया का सबसे खूबसूरत मेला है?

सारांश
Key Takeaways
- आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 में 3 हजार प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं।
- यह मेला 13 से 17 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।
- इस मेले में 110 देशों के खरीदार शामिल हैं।
- मुरादाबाद क्षेत्र के उत्पादों का 40 प्रतिशत हिस्सा प्रदर्शित किया गया है।
- उद्यमियों को ईपीसीएच प्रिविलेज कार्ड प्रदान किए गए हैं।
ग्रेटर नोएडा, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 60वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 का उद्घाटन हुआ। यह पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 13 से 17 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के फिल्म विकास परिषद (राज्य मंत्री रैंक) के उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता तरुण राठी ने किया। इस अवसर पर कुंदरकी (मुरादाबाद) के विधायक रामवीर सिंह और रूसी संघ के उद्योग व व्यापार मंत्रालय के उप-व्यापार आयुक्त डॉ. एवगेनी ग्रिविया विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मेले के पहले दिन बड़ी संख्या में खरीदार उपस्थित रहे। इस अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 3 हजार से अधिक प्रदर्शक 16 विभिन्न डिस्प्ले सेगमेंट में अपने उत्पाद प्रस्तुत कर रहे हैं। 110 से अधिक देशों के खरीदार पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, जबकि इंडिया एक्सपो सेंटर की विभिन्न मंजिलों पर 900 स्थायी शोरूम भी आगंतुकों के लिए खोले गए हैं। हस्तशिल्प, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और इंटीरियर्स के भव्य उत्पादों की प्रदर्शनी इस मेले को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख सोर्सिंग केंद्र बना रही है।
उद्घाटन समारोह में तरुण राठी ने कहा कि भारत की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत को विश्व मंच पर ले जाने वाले इस मेले का हिस्सा बनना गर्व की बात है। उन्होंने रूस और चीन के खरीदारों की उपस्थिति की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा चीन पर बढ़े टैरिफ के चलते भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर तेजी से खुल रहे हैं।
विधायक रामवीर सिंह ने बताया कि मेले में प्रदर्शित 40 प्रतिशत उत्पाद मुरादाबाद क्षेत्र से हैं, जो 'ब्रास सिटी' की वैश्विक पहचान को और मजबूत करता है।
रूसी प्रतिनिधि डॉ. ग्रिविया ने भारत और रूस के 70 वर्ष पुराने व्यापारिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियां दोनों देशों के लिए नए संभावनाओं का युग लेकर आई हैं। उन्होंने भारतीय निर्यातकों को रूस में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में भाग लेने का आमंत्रण भी दिया।
ईपीसीएच अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने बताया कि इस ऐतिहासिक 60वें संस्करण को नई ऊर्जा और नए स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। अब तक 100 देशों के 3 हजार खरीदार रजिस्टर कर चुके हैं, जो भारतीय हस्तशिल्प पर बढ़ते वैश्विक विश्वास का प्रमाण है।
वहीं, आईईएमएल अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि जेवर में प्रस्तावित फिल्म सिटी से हस्तशिल्प उद्योग को भी बड़ा लाभ मिलेगा। इस संस्करण में ट्रेंड्स, ब्रांड नैरेटिव, एआई आधारित डिजिटलीकरण, रिटेलिंग और ग्लोबल सप्लाई चेन जैसे विषयों पर सेमिनार और पैनल चर्चा भी आयोजित की जाएंगी।
मेले में अनुभवी निर्यातकों को ईपीसीएच प्रिविलेज कार्ड देकर सम्मानित किया गया। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अनुसार वर्ष 2024-25 में देश का कुल हस्तशिल्प निर्यात 33,123 करोड़ रुपये रहा, जिसे इस मेले के माध्यम से और गति देने का लक्ष्य है। मेले में खरीदारों की चहल-पहल और व्यावसायिक गतिविधियों ने यह संकेत दे दिया है कि आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 एक बार फिर भारतीय हस्तशिल्प उद्योग के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने जा रहा है।