क्या आईआईटी दिल्ली में शिक्षा मंत्री ने छात्रों से आत्मनिर्भरता पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- युवाओं की प्रतिभा को प्रोत्साहित किया गया।
- आईआईटी दिल्ली में तकनीकी चुनौतियों पर चर्चा हुई।
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व का महत्व बताया गया।
- नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी के छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि हमें राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भरता प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने रविवार को आईआईटी दिल्ली का दौरा किया और छात्रों के साथ नाश्ता साझा किया।
इस अवसर पर वह छात्रों की कतार में खड़े होकर नाश्ते की बारी का इंतजार करते हुए दिखाई दिए। इसके बाद, उन्होंने छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व और युवा प्रतिभाओं की शक्ति के माध्यम से भारत तकनीक, नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को हासिल करेगा।
आईआईटी दिल्ली में उन्होंने कहा कि युवा एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे। प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषण में दिए गए आत्मनिर्भरता के आह्वान को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने आईआईटी दिल्ली के छात्रों से कहा कि यह सही समय है जब हमें राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भरता प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने छात्रों के सपनों और उनके शोध कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आईआईटी परिसर में छात्रों के सामने आने वाली तकनीकी चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने उन्हें नवाचारात्मक विचारों को आगे लाने और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि युवाओं की प्रतिभा, मेहनत और संकल्प भारत की क्षमता को और मजबूत बनाएंगे। साथ ही, उन्होंने कहा कि युवाओं की प्रतिभा देश की तकनीकी और आर्थिक संप्रभुता को सुनिश्चित करेगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिला से कहा था, "मैं देश के युवाओं से कहता हूं, आइए आप इनोकैटिव आइडिया लेकर आएं। आपके आइडियाज को मरने मत देना दोस्तों, आज का आपका आइडिया आने वाली पीढ़ी का भविष्य बना सकता है। मैं आपके साथ खड़ा हूं, मैं आपके लिए काम करने के लिए तैयार हूं। आप आइये, हिम्मत जुटाएं।"
प्रधानमंत्री ने कहा था, "मेरे देश के युवा वैज्ञानिकों, टैलेंटेड यूथ, इंजीनियर्स और प्रोफेशनल्स को मेरा आह्वान है, क्या हमारे मेड इन इंडिया फाइटर जेट्स के लिए जेट इंजन हमारा होना चाहिए या नहीं?"
उन्होंने कहा कि हाल ही में स्पेस में जो सुधार किए गए हैं, उससे गर्व महसूस होता है। मेरे देश के 300 से अधिक स्टार्टअप्स अब सिर्फ स्पेस सेक्टर में काम कर रहे हैं, और उन 300 स्टार्टअप्स में हजारों युवा पूरी क्षमता के साथ जुटे हुए हैं। यह हमारे देश के युवाओं की ताकत है।
पीएम का कहना था कि यह समय की मांग है कि हम रिसर्च और डेवलपमेंट में और अधिक प्रयास करें, हमारे अपने पेटेंट हों, और मानव जाति के कल्याण के लिए सस्ती और प्रभावी नई दवाओं का शोध किया जाए।