क्या इंडी अलायंस के पास सत्ता की भूख और जंगलराज की विरासत बची है?

सारांश
Key Takeaways
- इंडी अलायंस में एकजुटता की कमी है।
- सत्ता की भूख के कारण दलों में सहमति नहीं है।
- बिहार को स्थिरता की आवश्यकता है।
- भाजपा ने उत्तर प्रदेश में माफियाओं का सफाया किया है।
- कांग्रेस का तुष्टिकरण की राजनीति में झुकाव है।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने इंडी अलायंस पर तीखा हमला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जो गठबंधन एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ सकता, वह भविष्य में क्या करेगा? जो दल आपस में सहमति और प्रभावी समन्वय नहीं बना पा रहे हैं, वे बिहार जैसे बड़े राज्य को स्थिरता, नेतृत्व या विकास कैसे प्रदान करेंगे?
बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय ये नेता टिकट और कुर्सी की खींचतान में उलझे हैं। यही उनकी असली मानसिकता है। इनके पास न तो बिहार को आगे बढ़ाने का कोई विज़न है, न ही कोई ठोस योजना। इनके पास केवल सत्ता की भूख और जंगलराज की विरासत रह गई है, जिसे बिहार की जनता ठुकरा रही है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के दीपावली पर दिए बयान पर कहा कि जिन लोगों ने कारसेवक आंदोलन के दौरान निहत्थे, निर्दोष रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं, वे आज भगवान श्रीराम के नाम पर ज्ञान बांटने की कोशिश कर रहे हैं। यह जनता को स्वीकार नहीं है। सपा के शासन में उत्तर प्रदेश जंगलराज और अराजकता में डूब गया था। अयोध्या की गलियां खून से लाल थीं और सरयू नदी लाशों से पटी थी। ऐसे लोग अब रामनवमी और दीपोत्सव पर उपदेश दे रहे हैं। जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ, तब इन्हीं नेताओं ने उसका बहिष्कार किया। इनके मुंह से राम के नाम पर व्याख्यान कपटपूर्ण और ढोंग है।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों और माफियाओं का सफाया किया है। सपा शासन में माफिया सत्ता की शह पर खुलेआम अपराध करते थे, लेकिन आज वे भाग रहे हैं और मिट्टी में मिल रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं पर हमलों पर चुघ ने कहा कि ममता बनर्जी की निर्मम सरकार में न तो आम लोग सुरक्षित हैं, न जनप्रतिनिधि। सांसदों और विधायकों पर खुलेआम हमले हो रहे हैं। बंगाल की माटी निर्दोषों के खून से लाल हो चुकी है। टीएमसी ने हिंसा को राजनीति का हथियार बना लिया है। जब भाजपा कार्यकर्ता और सांसद बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं, तब उन पर हमले कराए जा रहे हैं। यह स्पष्ट है कि ममता शासन में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। हिंसा और अराजकता पर टिकी सरकार जनता के आक्रोश से नहीं बच पाएगी। बंगाल में परिवर्तन का समय आ चुका है। टीएमसी को सत्ता से हटना होगा।
चुघ ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का असली चरित्र सामने आ गया है। भारत तेरे टुकड़े का नारा लगाने वालों को टिकट और स्टार प्रचारक बनाना, यही कांग्रेस की नीति है। जो लोग देश तोड़ने की बात करते हैं, उन्हें गले लगाया जाता है और 'राष्ट्र देवो भवः' का मंत्र जपने वाले आरएसएस स्वयंसेवकों को अपमानित किया जाता है और उन पर प्रतिबंध की मांग की जाती है। मां भारती के लिए तपस्या करने वालों पर कार्रवाई और अपशब्द सिद्धारमैया सरकार के वैचारिक दिवालियापन और राजनीतिक कायरता का सबूत है। यह दिखाता है कि कांग्रेस का झुकाव राष्ट्रवाद की ओर नहीं, बल्कि तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति की ओर है।