क्या गोल्फ में बेहतर प्रदर्शन के लिए हमें मानसिकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए? शुभांकर शर्मा

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क्या गोल्फ में बेहतर प्रदर्शन के लिए हमें मानसिकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए? शुभांकर शर्मा

सारांश

डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप ने भारतीय गोल्फरों के लिए एक नया मापदंड स्थापित किया है। इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में भाग लेने वाले नामी खिलाड़ियों ने भारत की गोल्फ प्रतिभा को चुनौती दी। जानिए शुभांकर शर्मा की मानसिकता पर विशेष टिप्पणी क्या है!

Key Takeaways

  • डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप का आयोजन भारतीय गोल्फ के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
  • भारतीय गोल्फरों को मानसिकता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • प्रतियोगिता में भाग ले रहे विश्वस्तरीय खिलाड़ी भारतीय गोल्फ की चुनौती को बढ़ाते हैं।
  • कौशल में सुधार के साथ-साथ मानसिक मजबूती भी जरूरी है।
  • गोल्फ में सफलता के लिए लगातार प्रयास आवश्यक हैं।

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप गोल्फ के भारतीय पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बनकर उभरा है। भारत में पहले कभी इतना बड़ा गोल्फ आयोजन नहीं हुआ। इस प्रतियोगिता में विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी रोरी मैक्लरॉय और पांचवें नंबर के खिलाड़ी टॉमी फ्लीटवुड ने भी भाग लिया। चैंपियनशिप की इनामी राशि 40 लाख डॉलर थी।

यदि हम भारतीय गोल्फरों के प्रदर्शन की चर्चा करें, तो शिव कपूर (72-69-70-68) ने 9-अंडर 279 के स्कोर के साथ संयुक्त 32वें स्थान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। ध्रुव श्योराण (68-73-67-72) ने अंतिम राउंड में 72 के स्कोर से संयुक्त 36वें स्थान पर 8-अंडर 280 के स्कोर के साथ स्थान प्राप्त किया। शुभांकर शर्मा और अनिर्बान लाहिड़ी संयुक्त 56वें स्थान पर 3-अंडर 285 के स्कोर के साथ रहे। अभिनव लोहान संयुक्त 63वें स्थान पर (1-अंडर 287) रहे।

इस चैंपियनशिप में 26 भारतीय खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें से केवल पांच ने कट में जगह बनाई। कोई भी भारतीय खिलाड़ी अपनी विशेष छाप नहीं छोड़ सका। यदि गगनजीत भुल्लर और एसएसपी चौरसिया को आईजीपीएल से जुड़े होने के कारण घरेलू प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआई) से आमंत्रण नहीं मिला होता, तो कुछ और भारतीय भी इस प्रतियोगिता में शामिल हो सकते थे।

गगनजीत भुल्लर आखिरी भारतीय थे जिन्होंने कोई यूरोपीय प्रतियोगिता जीती थी। भुल्लर ने 2018 में फिजी इंटरनेशनल जीता था। डीजीसी में आखिरी बार किसी भारतीय ने अगस्त 2018 में ही कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती थी, जब खलिन जोशी ने पैनासोनिक ओपन में जीत हासिल की थी। शुभांकर ने भी फरवरी 2018 में यूरोपीय टूर पर जीत प्राप्त की थी।

शुभांकर शर्मा ने कहा, "अलग-अलग कोर्स और परिस्थितियों के अभ्यस्त होना कठिन है। मैं पिछले कुछ समय से यूरोपीय टूर पर हूं। मुझे पता है कि कौशल के मामले में हम विश्व स्तरीय हैं। हम मानसिक रूप से थोड़े कमजोर हैं।"

Point of View

बल्कि मानसिकता का भी है। भारतीय गोल्फरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए मानसिक मजबूती की आवश्यकता है। डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित किया है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप कब आयोजित हुई?
यह चैंपियनशिप 19 अक्टूबर को आयोजित हुई।
इस प्रतियोगिता में कितने भारतीय खिलाड़ियों ने भाग लिया?
इस प्रतियोगिता में 26 भारतीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
शिव कपूर का स्कोर क्या था?
शिव कपूर ने 9-अंडर 279 का स्कोर बनाया।
चैंपियनशिप की कुल इनामी राशि क्या थी?
चैंपियनशिप की इनामी राशि 40 लाख डॉलर थी।
शुभांकर शर्मा ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि हम मानसिक रूप से थोड़े कमजोर हैं।