क्या इंडिगो फ्लाइट में गड़बड़ी पर संसद की सख्ती संभव है, एयरलाइन प्रमुखों को किया जाएगा तलब?

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क्या इंडिगो फ्लाइट में गड़बड़ी पर संसद की सख्ती संभव है, एयरलाइन प्रमुखों को किया जाएगा तलब?

सारांश

इंडिगो एयरलाइन में उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों में भारी गुस्सा है। संसद द्वारा एयरलाइन प्रमुखों को तलब करने की संभावना है। क्या इससे समस्या का समाधान होगा?

Key Takeaways

  • इंडिगो एयरलाइन में हाल के दिनों में उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा।
  • संसद इस मामले में एयरलाइन अधिकारियों को तलब कर सकती है।
  • यात्रियों के लिए रिफंड प्रक्रिया तेजी से की जा रही है।
  • क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप स्थिति पर नजर रख रहा है।
  • भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल के दिनों में देशभर में हवाई यात्रा में भारी अव्यवस्था देखने को मिली है। इसमें सबसे अधिक समस्या इंडिगो एयरलाइन के लगातार उड़ान रद्द होने के कारण उत्पन्न हुई, जिसके चलते हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि एक संसदीय पैनल निजी एयरलाइंस के शीर्ष अधिकारियों और विमानन नियामक के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने पर विचार कर रहा है।

संसदीय स्थायी समिति (परिवहन, पर्यटन और संस्कृति), जिसके अध्यक्ष जेडीयू नेता संजय झा हैं, जल्द ही निजी एयरलाइंस के प्रमुखों को तलब कर सकती है। इसके साथ ही डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को भी समिति के समक्ष पेश होना पड़ सकता है। समिति का प्रयास यह जानना है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें क्यों और कैसे रद्द की गईं और भविष्य में इससे बचने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

समिति के एक सदस्य ने स्पष्ट कहा कि इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को हुई परेशानी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। एयरपोर्ट पर दिनभर खड़े रहना, यात्रा योजनाओं का अचानक बिगड़ना और बिजनेस मीटिंग्स छूट जाना, यात्रियों के लिए बहुत बड़ी कठिनाई का कारण बना। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई सांसद, जो संसद के शीतकालीन सत्र के लिए दिल्ली आए थे, खुद भी देरी उड़ानों और रद्दीकरण का सामना कर चुके हैं।

साथ ही, कई सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों से यह शिकायतें भी मिलीं कि उड़ानों की कमी और अव्यवस्था के कारण हवाई किराए अचानक बहुत अधिक बढ़ गए हैं। यात्रियों को मजबूरी में महंगे टिकट खरीदने पड़े, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ गया।

सिर्फ रविवार को, इंडिगो ने दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों पर 220 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। यह संकट लगातार छह दिनों से जारी है, जिससे यात्रियों के बीच गहरी नाराजगी है।

इस बीच, डीजीसीए पहले ही इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ पोर्क्वेरास को नोटिस भेज चुका है। नियामक ने एयरलाइन से यह पूछा है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें क्यों रद्द की गईं और यात्रियों को बेहतर जानकारी और मदद क्यों नहीं दी गई।

इधर, इंडिगो ने एक बयान जारी कर कहा है कि संकट से निपटने के लिए उसकी पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड ने एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बना दिया है। यह समूह हालात पर बारीकी से नजर रख रहा है और लगातार बैठकों के जरिये स्थिति का आकलन कर रहा है।

कंपनी का कहना है कि वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। रिफंड तेजी से प्रोसेस किए जा रहे हैं और उड़ानों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए प्रयास जारी हैं। इंडिगो का आश्वासन है कि जल्द ही ऑपरेशंस सामान्य हो जाएंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि यात्रियों की समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता। संसद का इस मामले में हस्तक्षेप आवश्यक है ताकि एयरलाइंस को उचित दिशा निर्देश मिल सकें और भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

इंडिगो एयरलाइन ने इतनी उड़ानें क्यों रद्द की?
इंडिगो ने बताया है कि तकनीकी समस्याओं और अन्य कारणों की वजह से इतनी उड़ानें रद्द की गई।
क्या यात्रियों को रिफंड मिलेगा?
जी हां, इंडिगो ने कहा है कि वे रिफंड को तेजी से प्रोसेस कर रहे हैं।
संसद का इस मामले में क्या कदम है?
संसद एक पैनल बना रही है जो एयरलाइन प्रमुखों और नियामक अधिकारियों को तलब करेगा।
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