क्या यात्रियों को हुई परेशानी पर इंडिगो रिफंड नहीं, हर्जाना दे: वारिस पठान?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को हुई परेशानी।
- वारिस पठान ने हर्जाना देने की मांग की।
- सरकार का रुख रिफंड देने का है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं।
- यात्रियों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता।
- भ्रष्टाचार और महंगाई पर भी सवाल उठाए गए।
मुंबई, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडिगो की निरंतर उड़ानें रद्द होने के कारण परेशान यात्रियों पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर लोगों की स्थिति अत्यंत खराब है; किसी को सामान नहीं मिल रहा है और कई लोग गंतव्य पर पहुंचने में देरी के कारण तनाव में हैं।
वारिस पठान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सरकार रिफंड देने की बात कर रही है, लेकिन रिफंड से समस्या का समाधान नहीं होगा। जो मानसिक तनाव महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को हुआ है, उसके लिए इंडिगो को हर्जाना देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडिगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
गोवा नाइटक्लब के मालिकों के इंडिगो की फ्लाइट से देश छोड़ने पर वारिस पठान ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि यदि मुझे इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली जाना हो तो फ्लाइट नहीं मिल रही, वहीं गोवा में 25 लोगों की जान लेने वालों को सुरक्षित रास्ता कैसे मिल गया? सरकार की लापरवाही से यह घटना हुई है।
वंदे मातरम को लेकर वारिस पठान ने कहा कि जो गाना चाहते हैं, वे गाएं, लेकिन इसे लेकर जबरदस्ती नहीं की जा सकती। हम केवल अल्लाह की वंदना करते हैं। हमारी मां से मोहब्बत है, लेकिन उनकी वंदना नहीं करते।
उन्होंने कहा कि जब इस्लाम इजाजत नहीं देता, तो इसके लिए जबरदस्ती क्यों? मुसलमानों की देशभक्ति को चुनौती क्यों दी जाती है? हम राष्ट्रगान गाते हैं और सम्मान देते हैं। इस्लाम के अनुसार, अल्लाह के बराबर किसी को रखना गुनाह है। संविधान और सुप्रीम कोर्ट हमें इसकी इजाजत देते हैं, तो फिर किसी को क्या दिक्कत है?
वारिस पठान ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसे की कमी है। महंगाई रोकने के लिए कोई नीति नहीं है और भ्रष्टाचार क्यों नहीं रुक रहा है? महाराष्ट्र के नेताओं के पास यह पैसे कहां से आए? यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो कहते हैं कि भ्रष्टाचार खत्म हो गया है।