क्या इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- इंदिरा गांधी का साहस और नेतृत्व आज भी प्रेरणादायक है।
- राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देते हुए दादी की शिक्षाओं को याद किया।
- कांग्रेस नेताओं ने उनके योगदान को सराहा।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और भारत रत्न इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस के नेताओं ने उनके साहस, नेतृत्व और देशभक्ति को भावुक संदेशों के माध्यम से याद किया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी दादी को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "भारत की इंदिरा, हर ताकत के सामने निडर, दृढ़ और अडिग थीं। दादी, आपने सिखाया कि भारत की अस्मिता और आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं होता। आपका साहस, संवेदना और देशभक्ति आज भी मेरे हर कदम की प्रेरणा है।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इंदिरा गांधी के जीवन और राजनीतिक संघर्ष को याद करते हुए आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "आज देश इंदिरा गांधी की अदम्य भावना को याद कर रहा है और उनकी शहादत के 41 वर्ष पूरे होने पर श्रद्धांजलि दे रहा है। वे असाधारण साहस, दृढ़ता और जज़्बे की प्रतीक थीं।"
उन्होंने 'एक्स' पोस्ट में आगे लिखा, "13 अगस्त 1977 को बारिश के दिन इंदिरा गांधी बिहार के बेलछी गांव पहुंचीं, जहां उन्होंने जातीय हिंसा में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। वे कार, जीप, ट्रैक्टर और अंत में हाथी पर सवार होकर वहां पहुंची थीं। यही उनका मानवीय पक्ष था जिसने उनकी राजनीतिक वापसी की नींव रखी।"
जयराम रमेश ने यह भी बताया कि अगले ही दिन उन्होंने जयप्रकाश नारायण से पटना में मुलाकात की थी। दोनों ने लगभग एक घंटे तक पुराने दिनों को याद किया, जो उनके व्यक्तिगत रिश्ते की गहराई को दर्शाता है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "1984 के इसी दिन भारत के महानतम नेताओं में से एक का बलिदान हुआ था। उन्होंने भारत की संप्रभुता और एकता की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।"
उन्होंने आगे कहा, "बचपन में हमारे स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने से लेकर मुश्किल समय में बड़े साहस और दूरदर्शिता के साथ भारत का नेतृत्व करने तक, उनका जीवन हमेशा हर भारतीय के लिए प्रेरणा रहेगा। इंदिरा जी ने हमारे देश के लिए जो सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिए अपना जीवन समर्पित करने का संकल्प लेते हैं!"
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                            