क्या विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का सही प्रतिबिंब है, जिससे दुश्मनों का चैन छिन जाता है? - पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- आईएनएस विक्रांत भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक है।
- ऑपरेशन सिंदूर ने दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर किया।
- भारत का रक्षा निर्यात 1500 करोड़ से बढ़कर 21,000 करोड़ तक पहुंचा।
- दीपावली के पर्व पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को धन्यवाद दिया।
- आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
गोवा, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर जवानों के बीच दीपावली का उत्सव मनाया। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए तीनों सेनाओं के समन्वय की सराहना की।
पीएम मोदी ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में आपने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया। मैं आईएनएस विक्रांत की इस पराक्रमस्थली से तीनों सेनाओं के जवानों को सैल्यूट करता हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि जब दुश्मन सामने हो, तब जिस देश के पास अपने दम पर युद्ध लड़ने का दम हो, उसका पलड़ा भारी होता है। सेनाओं को सशक्त होने के लिए आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।
पीएम मोदी ने कहा, "जिस दिन देश को स्वदेशी आईएनएस विक्रांत मिला था, उसी दिन नौसेना ने गुलामी के एक बड़े प्रतीक का त्याग कर दिया था। नेवी ने छत्रपति शिवाजी की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया था। हमारा विक्रांत आज आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया का बहुत बड़ा प्रतीक है। विक्रांत का नाम ही दुश्मनों का चैन छीन लेता है। यह जहाज महासागर को चीरता हुआ भारत की ताकत और सैन्य क्षमता का प्रतिबिंब है।"
पीएम मोदी ने कहा, "जब राष्ट्र प्रेस विक्रांत को देश को सौंपा जा रहा था, तब मैंने कहा था कि विक्रांत विराट और विशिष्ट है। यह केवल एक युद्धपोत नहीं, बल्कि यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम और प्रभाव का परिणाम है।"
पीएम मोदी ने जवानों के बीच दीपावली मनाने पर गर्व जताया और कहा, "दीपावली के पर्व में हर किसी को अपने परिवार के बीच दीपावली मनाने का मन करता है। मुझे भी परिवारजनों के बीच दीपावली मनाने की आदत हो गई है। इसलिए आपके बीच दीपावली मनाने चला आता हूं। इस बार भी आपके साथ हूं।"
उन्होंने जवानों को देश की ढाल बताते हुए कहा, "आपकी वीरता हर चुनौती को परास्त करती है। इस दीपावली पर 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मैं आपको धन्यवाद देता हूं।"
प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि भारत का रक्षा निर्यात 1500 करोड़ से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यह जहाज लाखों कारीगरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है। आजादी के अमृत काल में विकसित भारत का सपना साकार हो रहा है।