क्या पीएम मोदी ने जवानों के साथ आईएनएस विक्रांत पर दीपावली मनाई?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर दीपावली मनाई।
- यह समारोह भारतीय नौसेना के साहस का प्रतीक है।
- आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भरता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
- रक्षा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ हैं।
गोवा, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब सागर की शांत लहरों के बीच तैनात भारत के अद्वितीय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर दीपावली का पर्व मनाया। उन्होंने भारतीय नौसेना के साहसी जवानों के साथ इस धार्मिक उत्सव को मनाते हुए न केवल सैन्य गौरव का अनुभव किया, बल्कि यह राष्ट्र की एकता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बना।
गोवा और कारवार के तटों से दूर, इस विशाल स्वदेशी जहाज पर दीपावली ने समुद्र की गहराइयों को भी रौशन किया।
प्रधानमंत्री का यह दौरा, जो परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, इस बार नौसेना के वीर जवानों को समर्पित रहा।
जब पीएम मोदी आईएनएस विक्रांत के डेक पर पहुंचे, तो नौसेना के अधिकारियों और जवानों ने उनका स्वागत पारंपरिक तरीके से किया। जहाज पर सजी दीपमालाओं, रंगोली और पारंपरिक दीपावली के व्यंजनों के बीच का माहौल बहुत उत्साहपूर्ण था। उन्होंने सबसे पहले जवानों के साथ पूजा-अर्चना की और फिर उन्हें संबोधित किया।
उन्होंने कहा, "मैं भाग्यशाली हूं कि इस बार मैं नौसेना के सभी बहादुर जवानों के बीच दीपावली का यह पावन त्योहार मना रहा हूं। यह मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है कि मैं उन वीरों के साथ हूं जो दिन-रात समुद्र की सीमाओं पर पहरा देते हैं।"
उन्होंने आईएनएस विक्रांत को भारत की आत्मनिर्भरता का जीवंत प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "यह जहाज केवल धातु और मशीनों का संग्रह नहीं है, बल्कि हमारे लाखों कारीगरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मेहनत का फल है। जब हमने इसे स्वदेशी तकनीक से बनाया, तो दुनिया ने देखा कि भारत अब आयात पर निर्भर नहीं रह सकता। आजादी के अमृत काल में हमारा लक्ष्य विकसित भारत है, और ऐसे जहाज हमें उस दिशा में मजबूती प्रदान करते हैं।"
पीएम मोदी ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने वाली सरकार की नीतियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में रक्षा निर्यात 1,500 करोड़ से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपए हो गया है, जो 'मेक इन इंडिया' अभियान की सफलता का प्रमाण है।