क्या उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रूस से भारत लौटकर भगवान बुद्ध के अवशेष लाए?

सारांश
Key Takeaways
- मनोज सिन्हा ने रूस से पवित्र अवशेषों को भारत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- यह प्रदर्शनी भारत और रूस के सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने का माध्यम बनी।
- कलमीकिया गणराज्य बौद्ध संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र है।
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रूस के कलमीकिया गणराज्य की तीन दिवसीय यात्रा का समापन करते हुए सोमवार को दिल्ली में कदम रखा।
वे भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी के समापन के बाद उन्हें भारत लौटाया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी वापसी की जानकारी देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लिखा, “रूस के कलमीकिया में एक सप्ताह तक चली प्रदर्शनी के बाद भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष अब स्वदेश लौट आए हैं। इस प्रदर्शनी ने भारत और रूस के मध्य आपसी समझ, विश्वास और सहयोग को और मजबूती प्रदान की है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रदर्शनी केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं थी, बल्कि भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गई। मनोज सिन्हा ने कहा कि साझा आध्यात्मिक अनुभवों के माध्यम से दोनों देशों के बीच स्थायी संबंधों का निर्माण हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सिन्हा ने कहा, “पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी ने आध्यात्मिक जुड़ाव को और अधिक गहरा किया है। ध्यान और करुणा का यह संदेश आने वाली पीढ़ियों के लिए शांति, आदर्शों और प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। भले ही पवित्र अवशेष स्वदेश लौट आए हों, लेकिन कलमीकिया में भगवान बुद्ध की स्थायी उपस्थिति साधकों को उनकी जागृति के मार्ग पर प्रेरित करती रहेगी।”
यह उल्लेखनीय है कि कलमीकिया गणराज्य रूस का एकमात्र बौद्ध बहुल क्षेत्र है, जहां भारत से लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।