क्या सपा-कांग्रेस का भगवान राम और दीपावली पर उपदेश जनता को स्वीकार होगा? : तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- तरुण चुघ ने अखिलेश यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- Spa और कांग्रेस ने भगवान राम के प्रति अपमान किया है।
- जनता सनातन संस्कृति की रक्षा करेगी।
- आरएसएस के कार्यों का समर्थन किया गया है।
- भाजपा तुष्टिकरण की राजनीति को नहीं बर्दाश्त करेगी।
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया 'दिवाली-क्रिसमस' बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
तरुण चुघ ने कहा कि सनातन संस्कृति और भगवान राम के नाम का विरोध करने वाली कांग्रेस और सपा अब भगवान राम पर उपदेश देने का प्रयास कर रही हैं, जिसे जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।
उन्होंने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि जिनके हाथ निर्दोष राम भक्तों के खून से रंगे हैं, वे अब वोट बैंक की राजनीति के लिए दीपावली पर नसीहत देने की कोशिश कर रहे हैं। Spa और कांग्रेस ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया है और भगवान राम के आदर्शों का अपमान किया है।
तरुण चुघ ने कहा, "Spa और कांग्रेस का इतिहास सनातन संस्कृति के खिलाफ रहा है। अखिलेश यादव और उनकी पार्टी ने हमेशा वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी। जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं, वे अब भगवान राम और दीपावली पर ज्ञान देने की कोशिश कर रहे हैं। जनता इनके दोहरे चरित्र को भली-भांति समझती है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की जनता सनातन संस्कृति और भगवान राम के प्रति अपनी आस्था को कभी कम नहीं होने देगी और ऐसे बयानों को खारिज कर देगी।
इसके साथ ही, कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को चित्तपुर में मार्च निकालने की अनुमति दिए जाने के फैसले का तरुण चुघ ने स्वागत किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरएसएस स्वयंसेवकों के दमन और उत्पीड़न का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पिछले सौ वर्षों से आरएसएस देश में राष्ट्रीय संस्कारों और 'राष्ट्र देवो भव' के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा है। कांग्रेस ने हमेशा उन स्वयंसेवकों को निशाना बनाया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने जीवन का हर क्षण समर्पित किया। कर्नाटक हाईकोर्ट का यह फैसला आरएसएस के राष्ट्रवादी कार्यों को मान्यता देता है।
उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस ने हमेशा सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करने का कार्य किया है। मैं कर्नाटक सरकार से अपील करता हूं कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और आरएसएस के कार्यों में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न करें। भाजपा सनातन संस्कृति और राष्ट्रीय मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह के तुष्टिकरण की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी।