क्या ईरान-इजरायल संघर्ष में भारत को प्रभावशाली भूमिका निभानी चाहिए? : मोहम्मद सलीम

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क्या ईरान-इजरायल संघर्ष में भारत को प्रभावशाली भूमिका निभानी चाहिए? : मोहम्मद सलीम

सारांश

ईरान-इजरायल संघर्ष में भारत की भूमिका पर इंजीनियर मोहम्मद सलीम का बयान। उन्होंने भारत सरकार से अधिक सक्रिय और संतुलित प्रतिक्रिया की अपेक्षा की है। क्या भारत इस संकट में एक प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है?

Key Takeaways

  • भारत को ईरान-इजरायल संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
  • सीजफायर की घोषणा को स्थायी बनाना जरूरी है।
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मानवता की त्रासदी रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।
  • गाजा में स्थिति अत्यंत गंभीर है।
  • भारत का वैश्विक स्तर पर महत्व है।

नई दिल्ली, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद सलीम ने महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत को इस संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर एक मजबूत और संतुलित भूमिका निभानी चाहिए थी। लेकिन, भारत सरकार ने इस मामले में देरी से प्रतिक्रिया दी, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।

मोहम्मद सलीम ने कहा कि ईरान और इजरायल के बीच हुए युद्ध में भारत को ईरान का समर्थन करना चाहिए था, क्योंकि इजरायल का यह हमला बिना किसी उकसावे के किया गया था, जिससे निर्दोष लोगों की जानें गईं और दोनों देशों में भारी तबाही हुई। इजरायल ने इस संघर्ष को एकतरफा रूप से शुरू किया और पूरे पश्चिमी एशिया को खतरे में डाल दिया। इसके बाद अमेरिका का हस्तक्षेप इस संकट को और गहरा बना गया। इस पूरे हालात के लिए हम इजरायल को जिम्मेदार मानते हैं।

इंजीनियर मोहम्मद सलीम ने हाल ही में घोषित सीजफायर पर खुशी जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए राहत की बात है कि युद्धविराम की घोषणा हुई है, लेकिन यह सीजफायर वास्तविक और स्थायी होना चाहिए। इसके साथ ही गाजा में जो निर्दोष लोगों की मौत हो रही है, उसे तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह इस क्षेत्र में हो रही मानवता की त्रासदी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

उन्होंने कहा कि "गाजा में हालात बेहद खराब हैं और वहां की जनता पर हो रहे अत्याचारों को रोकना अब अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की जिम्मेदारी है।"

उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा और प्रभावशाली देश है, जिसकी वैश्विक स्तर पर अहमियत है। हमें उम्मीद थी कि भारत इस संकट को समाप्त कराने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएगा। इजरायल के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं, ऐसे में भारत इजरायल पर दबाव बना सकता था कि वह इस तरह की आक्रामकता से बाज आए। अगर भारत समय पर हस्तक्षेप करता, तो शायद इस युद्ध को टाला जा सकता था। हमारी अपेक्षा थी कि भारत शांति का पक्षधर बनकर सामने आए, लेकिन दुर्भाग्यवश, वह भूमिका निभाने में देरी हुई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। ईरान-इजरायल संघर्ष में सक्रियता और संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

भारत को ईरान-इजरायल संघर्ष में क्या करना चाहिए?
भारत को इस संकट में एक संतुलित और सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, जिससे शांति की स्थापना हो सके।
क्या भारत का इजरायल के साथ संबंध है?
जी हां, भारत और इजरायल के बीच मजबूत संबंध हैं, जो इस संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।