क्या हम इजरायल और हमास के बीच बंधकों की अदला-बदली के फैसले का स्वागत करें?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का बंधकों की अदला-बदली पर सकारात्मक दृष्टिकोण।
- इजरायल और हमास के बीच शांति की संभावनाएँ।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों की सराहना।
- इजरायल की सुरक्षा चुनौतियों का सामना।
- सैन्य अभियान की निरंतरता।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली के निर्णय का स्वागत किया है। पीएम मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हम दो साल से अधिक समय तक बंधक बनाए रखने के बाद सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बंधकों की आजादी उनके परिवारों के साहस, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अटूट शांति प्रयासों और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। हम क्षेत्र में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं।
इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि देश का सैन्य अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम नेतन्याहू ने टेलीविजन पर दिए गए अपने संबोधन में कहा, "हमने जहां भी लड़ाई लड़ी, हम जीते, लेकिन अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है।"
उन्होंने इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हुए चेतावनी दी, "हमारे कुछ दुश्मन फिर से संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इजरायल के सामने अभी भी "बहुत बड़ी सुरक्षा चुनौतियां" हैं।
इससे पहले इजरायल के सैन्य प्रमुख इयाल जमीर ने कहा कि देश ने हमास पर जीत हासिल कर ली है। यह जीत निरंतर सैन्य दबाव और कूटनीतिक प्रयासों के संयोजन से मिली है।
सैन्य प्रमुख जमीर ने कहा कि इजरायल एक कई मोर्चे वाले युद्ध के बीच बना हुआ है। सेना एक ऐसी सुरक्षा वास्तविकता को आकार देने के लिए कार्रवाई जारी रखेगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि गाजा पट्टी अब इजरायल और उसके नागरिकों के लिए खतरा न बने। अपने अभियानों के माध्यम से हम आने वाले वर्षों के लिए मध्य पूर्व और अपनी सुरक्षा रणनीति को नया रूप दे रहे हैं।'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान के अनुसार इजरायल-हमास युद्धविराम पिछले शुक्रवार को लागू हो गया।