क्या खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते तो भारत-पाकिस्तान में क्रिकेट कैसे?

सारांश
Key Takeaways
- पवन खेड़ा ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर कड़ा विरोध जताया है।
- शिवसेना ने इसे राष्ट्रद्रोह कहा है।
- खेल और राजनीति के बीच सीमांत को समझना आवश्यक है।
- पीएम मोदी के मणिपुर दौरे पर भी सवाल उठाए गए हैं।
- भूपेन हजारिका के गीतों का ज्ञान समझने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को होने वाला मुकाबला अब चर्चा का विषय बन गया है। इस पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कड़ा विरोध प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि जब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो एशिया कप के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट कैसे खेला जा सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' ने अपने संपादकीय में भारत-पाकिस्तान मैच को राष्ट्रद्रोह करार दिया है। संपादकीय में कहा गया कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना राष्ट्र विरोधी है और यह करोड़ों हिंदुओं का अपमान है। जब पवन खेड़ा से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने इसे सही ठहराते हुए कहा कि इसमें क्या गलत है, यह बिल्कुल सही है।
पवन खेड़ा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि संपादकीय में जो बातें कही गई हैं, वे बिल्कुल उचित हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस मैच के पीछे हैं, उनसे सवाल उठाने चाहिए। क्या हम पहलगाम, पुलवामा जैसी आतंकी घटनाओं को भुला देंगे?
प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले ढाई साल से वहां हिंसा चल रही है, और हमें हमेशा यह कहने पर मजबूर किया गया कि पीएम मोदी वहां क्यों नहीं जा रहे हैं। अब जब वह गए हैं, तो बड़े-बड़े बैनर सड़कों पर लगे हैं।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या पीएम मोदी का रोड शो उन सड़कों पर है, जहां महिलाओं के साथ अभद्रता की गई थी? जब महिलाओं को परेड कराई जा रही थी, तब प्रधानमंत्री मोदी कहाँ थे? मणिपुर में गुस्सा है।
पवन खेड़ा ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री भूपेन हजारिका का एक भी गीत समझ लें, तो वे इस देश की गहराई को समझ जाएंगे। वे केवल मुख्य अतिथि बनकर घूमने वाले प्रधानमंत्री नहीं हैं। हजारिका के गीतों में इस देश का ज्ञान छिपा है, उन्हें सुनिए।