...क्या प्रधानमंत्री मोदी ने श्री सत्य साईं बाबा से देश के मुद्दों पर चर्चा की थी? 'मोदी आर्काइव' ने साझा किया एक पोस्ट

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...क्या प्रधानमंत्री मोदी ने श्री सत्य साईं बाबा से देश के मुद्दों पर चर्चा की थी? 'मोदी आर्काइव' ने साझा किया एक पोस्ट

सारांश

क्या प्रधानमंत्री मोदी ने श्री सत्य साईं बाबा से देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी? जानिए बाबा की शिक्षाएँ और मोदी का उनसे गहरा संबंध।

Key Takeaways

  • श्री सत्य साईं बाबा का संदेश: 'सबको प्रेम करो, सबकी सेवा करो'
  • प्रधानमंत्री मोदी का बाबा के साथ गहरा संबंध
  • 2001 में गुजरात भूकंप के दौरान राहत कार्यों में सक्रियता
  • बाबा का विश्वास: मानव सेवा ही माधव सेवा है
  • आंध्र प्रदेश में श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह की तैयारी

नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान में देश श्री सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी का उत्सव मना रहा है। बाबा की सार्वभौमिक शिक्षाओं में सबसे महत्वपूर्ण 'सबको प्रेम करो, सबकी सेवा करो' रही है। इसके अलावा, धर्म, राष्ट्रीयता, जाति और पंथ से ऊपर उनका दृष्टिकोण मानवता की सेवा पर केंद्रित था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनसे एक विशेष संबंध था। पीएम मोदी ने उनसे देश से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी।

मोदी आर्काइव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर नरेंद्र मोदी और श्री सत्य साईं बाबा से संबंधित एक दिलचस्प किस्सा साझा किया है।

मोदी आर्काइव ने बताया कि 2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था, तब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री नहीं थे, फिर भी उन्होंने राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। श्री सत्य साईं बाबा और उनके स्वयंसेवक भी बचाव कार्यों में शामिल थे।

बाबा ने चल रहे बचाव कार्यों में मार्गदर्शन और सहायता के लिए मोदी से संपर्क किया। उनके निर्देशन में हजारों लोगों ने प्रभावित क्षेत्रों में मेहनत की और हर व्यक्ति के प्रति अद्वितीय देखभाल और करुणा का प्रदर्शन किया। बाबा का जीवन सेवा का एक जीवंत उदाहरण था और उनका मानना था कि मानव सेवा ही माधव सेवा है।

भूकंप के दौरान की प्रतिक्रिया ने इस दर्शन को मूर्त रूप दिया। दुनिया भर के स्वयंसेवक जमीनी स्तर पर सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई के स्तर को देखकर हैरान थे। हर गली में एक एनजीओ था, और हर गली में एक शिविर था, जहाँ जरूरतमंदों को भोजन, आश्रय और दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाती थीं।

एक बार मोदी ने बाबा से देश के भविष्य के बारे में चर्चा की। बाबा मुस्कुराए और कहा, 'देश का भविष्य उज्ज्वल है।' यह सुनकर मोदी की चिंताएँ दूर हो गईं और उन्हें यकीन हो गया कि भारत का भविष्य सुरक्षित है। बाबा निःस्वार्थ सेवा की शक्ति में विश्वास करते थे। उनका संदेश मोदी के लिए सरल और स्पष्ट था: अच्छा करो, सही बनो, मानवता की सेवा करो।

बाबा का ज्ञान मोदी के साथ रहा, जो अक्सर उन्हें उद्धृत करते थे, 'सेवा शब्द में असीम शक्ति है।' सेवा का यह शक्तिशाली विचार देश के लिए मोदी के मिशन का केंद्र बन गया।

मोदी आर्काइव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्री सत्य साईं बाबा की कुछ पुरानी तस्वीरें भी एक्स पर साझा की हैं।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को आंध्र प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। वे यहाँ श्री सत्य साईं जिले में श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10 बजे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के साथ श्री सत्य साईं बाबा के पवित्र मंदिर और महासमाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री सत्य साईं बाबा के जीवन, शिक्षाओं और चिरस्थायी विरासत को समर्पित एक स्मारक सिक्का और डाक टिकटों का एक सेट जारी करेंगे। कार्यक्रम के दौरान वे उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

Point of View

जो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर महत्वपूर्ण हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी। बाबा की शिक्षाएँ आज भी समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य कर रही हैं।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

श्री सत्य साईं बाबा की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?
श्री सत्य साईं बाबा की प्रमुख शिक्षाएँ थीं, 'सबको प्रेम करो, सबकी सेवा करो'।
मोदी ने कब गुजरात में भूकंप राहत कार्यों में भाग लिया?
मोदी ने 2001 में गुजरात में भूकंप राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
बाबा का जीवन किस प्रकार का उदाहरण था?
बाबा का जीवन सेवा का एक जीवंत उदाहरण था।
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