क्या जगन मोहन रेड्डी पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों का मार्गनी भारत ने विरोध किया?

सारांश
Key Takeaways
- जगन मोहन रेड्डी का नेल्लोर दौरा विवादित बना हुआ है।
- मार्गनी भारत का विरोध लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए है।
- सरकार की पाबंदियों को अलोकतांत्रिक बताया गया है।
- यह मामला केवल एक नेता के दौरे का नहीं, बल्कि लोगों के अधिकारों का है।
ताड़ेपल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वाईएसआरसीपी के नेता वाईएस जगन मोहन रेड्डी आज नेल्लोर की यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पाबंदियां लगाई हैं। वाईएसआरसीपी के पूर्व सांसद मार्गनी भारत ने इस कदम का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह बेतुका और अलोकतांत्रिक है।
मार्गनी भारत ने बातचीत में कहा कि हम आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के दौरे पर लगाई गई पाबंदियों का कड़ा विरोध करते हैं। नेल्लोर में उनकी यात्रा के दौरान, चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने आपत्ति जताई है। इस दौरान वाईएसआरसीपी के केवल कुछ सदस्य ही कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे।
उन्होंने सवाल उठाया कि एक लोकतांत्रिक देश में सरकार यह कैसे तय कर सकती है कि जगन मोहन के दौरे के दौरान केवल दस पार्टी के सदस्य ही शामिल हो सकते हैं।
मार्गनी भारत ने कहा कि प्रशासन की ओर से निर्देश मिले हैं कि अगर निर्धारित संख्या से अधिक सदस्य शामिल होते हैं, तो उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा सकते हैं। यह बिल्कुल बेतुका और अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने कहा कि जब कोई जननेता किसी स्थान पर जाता है, तो हजारों लोग उसके कार्यक्रम में शामिल होते हैं। यह निश्चित रूप से नेल्लोर में भी होगा। फिर ये सरकारी लोग कौन हैं जो हमारे नेताओं को धमका रहे हैं?
उन्होंने आगे बताया कि जगन मोहन रेड्डी यहां गोवर्धन रेड्डी से मिलने आ रहे हैं। पूर्व विधायक वाईएसआरसीपी के काकानी गोवर्धन रेड्डी, जिन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था, के साथ सांत्वना देने का यह अवसर है। उनके दौरे के दौरान हजारों लोग उनसे मिलने आएंगे। हम सरकार की ओर से कुछ लोगों के शामिल होने के निर्देश को स्वीकार नहीं करते। लोकतांत्रिक देश में अपने नेता से मिलने का सभी को अधिकार है। हम सरकार से इन सभी प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हैं।