जगन्नाथ पुरी मंदिर में प्रवेश करते ही समुद्र की आवाज क्यों हो जाती है गायब? जानिए रहस्य

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जगन्नाथ पुरी मंदिर में प्रवेश करते ही समुद्र की आवाज क्यों हो जाती है गायब? जानिए रहस्य

सारांश

क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों जगन्नाथ पुरी मंदिर में प्रवेश करते ही समुद्र की आवाज गायब हो जाती है? जानिए इस रहस्य के पीछे छिपी पौराणिक कथा और वैज्ञानिक तर्क।

Key Takeaways

  • जगन्नाथ मंदिर का समुद्र की आवाज गायब होना एक अद्भुत चमत्कार है।
  • भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन सुभद्रा की इच्छा का सम्मान किया।
  • मंदिर की वास्तुकला बाहरी ध्वनि को अवशोषित करती है।

पुरी, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे जुड़े कई अद्भुत रहस्य और चमत्कार भी हैं, जिनका उत्तर विज्ञान के पास भी नहीं है। एक ऐसा ही रहस्य समुद्र से जुड़ा है, जो मंदिर के पास स्थित है।

कहा जाता है कि जब कोई भक्त मंदिर के बाहर खड़ा होता है, तो समुद्र की लहरों की आवाज स्पष्ट सुनाई देती है। लेकिन, जैसे ही भक्त सिंह द्वार से मंदिर के भीतर प्रवेश करता है, यह आवाज तुरंत गायब हो जाती है। मंदिर में कदम रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज अचानक बंद हो जाती है।

इस चमत्कार के पीछे एक पुरानी कथा है, जो देवी सुभद्रा से संबंधित है। कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा समुद्र की तेज आवाज से व्यथित रहती थीं। उन्होंने चाहा कि मंदिर के भीतर शांति बनी रहे, ताकि भक्त बिना किसी रुकावट के भगवान के दर्शन कर सकें।

भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन की इच्छा का सम्मान करते हुए एक अद्भुत व्यवस्था बनाई। जैसे ही कोई भक्त मुख्य द्वार (सिंह द्वार) से मंदिर में प्रवेश करता है, समुद्र की गर्जना अचानक थम जाती है। इसे एक दिव्य चमत्कार माना जाता है, जो दर्शाता है कि भगवान अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी भी नियम को बदल सकते हैं।

एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान हनुमान को मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। हनुमान जी की शक्ति के कारण समुद्र की आवाज मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाती। इसका उद्देश्य यह है कि भगवान जगन्नाथ की निद्रा और मंदिर के शांत वातावरण में कोई विघ्न न आए।

ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से, मंदिर को सकारात्मक ऊर्जा और शांति का केंद्र माना जाता है। जब कोई भक्त इस पवित्र स्थल पर आता है, तो वह बाहरी शोर और नकारात्मक प्रभावों से मुक्त हो जाता है। मंदिर की वास्तुकला और देवताओं की ऊर्जा का संतुलन इस प्रकार से किया गया है कि यह बाहरी ध्वनि और कंपन को अवशोषित कर लेती है। यह एक प्रकार का ऊर्जा कवच बनाता है, जो मंदिर के भीतर हर किसी को पवित्र और शांत अनुभव प्रदान करता है।

Point of View

बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। यह भारत की विविधता और आध्यात्मिक गहराई को दर्शाता है।
NationPress
10/11/2025

Frequently Asked Questions

जगन्नाथ मंदिर में समुद्र की आवाज क्यों गायब होती है?
जब भक्त मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो समुद्र की आवाज गायब हो जाती है। इसे एक दिव्य चमत्कार माना जाता है।
क्या यह चमत्कार वैज्ञानिक रूप से संभव है?
विज्ञान इस चमत्कार को समझाने में असमर्थ है, इसे धार्मिक आस्था और पौराणिक कथा से जोड़ा जाता है।
क्या देवी सुभद्रा का इस चमत्कार से संबंध है?
हाँ, देवी सुभद्रा की इच्छा थी कि मंदिर में शांति बनी रहे, इसी कारण यह व्यवस्था की गई।