क्या एसएमएस अस्पताल में हादसे की न्यायिक जांच होगी? : अशोक गहलोत

सारांश
Key Takeaways
- अशोक गहलोत ने एसएमएस अस्पताल में आगजनी की न्यायिक जांच की मांग की।
- सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए गए।
- परिवारों को अपने परिजनों के शव नहीं मिल रहे हैं।
- बिहार चुनावों में बदलाव की संभावना।
- न्यायिक जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
चित्तौड़गढ़, ८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को चित्तौड़गढ़ पहुंचे, जहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने एसएमएस अस्पताल में हुई आगजनी पर सरकार को घेरते हुए हादसे की न्यायिक जांच कराने की मांग की।
गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही, पूरा सिस्टम ब्यूरोक्रेसी के हाथों में है। इस वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। प्रदेश में जनता की समस्या सुनने वाला भी कोई नहीं है।
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हुए हादसे को लेकर उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रदेश की सबसे बड़ी लापरवाही है। लोगों को अपने परिजनों के शव तक नहीं मिल रहे हैं। हम लोग इस हादसे की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है और घटना को छुपाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि परिवार वाले अपने को खोज रहे हैं। अस्पताल में बताने वाला ही कोई नहीं है कि हादसे में किस-किस की मौत हुई है। इससे सरकार की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है।
गहलोत ने कहा कि अगर न्यायिक जांच होगी तो कम से कम सच्चाई लोगों को पता चल पाएगी। इस घटना में जो भी लोग हैं उनपर कार्रवाई भी हो सकती है। जांच के बाद जो रिपोर्ट आती है वह आगे भी काम आती है और इस तरह की घटना से बचा जा सकता है। इसलिए भी न्यायिक जांच जरूरी है।
कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत के मामले में भी उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि यहां जांच के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। सरकार अपराधियों को बचा रही है।
बिहार चुनावों को लेकर गहलोत ने कहा कि वहां इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। लोकतंत्र को बचाने के लिए वहां सरकार का बदलाव जरूरी है। जनता भी हर चीज समझ चुकी है, अब एनडीए के बहकावे में नहीं आने वाली है।