क्या जैसलमेर में गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है?

सारांश
Key Takeaways
- जैसलमेर में तापमान 40 डिग्री से ऊपर है।
- हीटवेव 4 दिन तक जारी रह सकती है।
- स्थानीय प्रशासन गर्मी से राहत के लिए कदम उठा रहा है।
- लोगों को शीतल पेयजल का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
- स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए सावधानियां बरतें।
जैसलमेर, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के जैसलमेर में तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। बुधवार को यहां तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे यह प्रदेश का सबसे गर्म जिला बना। गर्मी के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। घर से बाहर निकलना भी कठिन हो गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, जैसलमेर में चार दिन तक हीटवेव का सिलसिला जारी रहेगा और तापमान में 2 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इस दौरान गर्मी की मार झेल रहे कई लोगों ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अपनी परेशानियां साझा की हैं।
स्थानीय निवासी आशीष पुरोहित ने बताया कि जैसलमेर हमेशा से सबसे गर्म जिला रहा है। यहां के लोग इस मौसम के आदी हो गए हैं। आमतौर पर गर्मी के मौसम में बिजली और पेयजल की किल्लत हो जाती है। हालांकि, वर्तमान सरकार इन दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक कदम उठाती नजर आ रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे अपने दैनिक जीवन में शीतल पेयजल का उपयोग करें। ऐसा करके हम इस भयंकर गर्मी का सामना कर सकते हैं।
अरुण पुरोहित ने बताया कि जबकि जैसलमेर हमेशा से गर्म जिले के रूप में जाना जाता है, हाल ही में पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में गिरावट आई थी। लेकिन, अब मौसम फिर से गर्म होने लगा है। इस कारण यहां रहने वाले लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को भी जैसलमेर सबसे गर्म जिला बना रहा। गुरुवार को भी राहत की कोई उम्मीद नहीं है। यहां तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहता है, कभी-कभी यह 50 डिग्री पार भी चला जाता है।
स्थानीय निवासी आशीष ने बताया कि जैसलमेर में भीषण गर्मी से लोगों की हालत खराब हो चुकी है। राहत की कोई संभावना नहीं दिख रही है। पहले कुछ बूंदाबांदी हुई थी, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली थी। गर्मी से बचने के लिए लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलते हैं और बाहर जाते समय मुंह पर कपड़ा बांधते हैं, ताकि हमारे स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।