क्या जैसलमेर के रेगिस्तान में भारतीय सेना ने अपनी सैन्य क्षमता का अद्वितीय प्रदर्शन किया?

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क्या जैसलमेर के रेगिस्तान में भारतीय सेना ने अपनी सैन्य क्षमता का अद्वितीय प्रदर्शन किया?

सारांश

जैसलमेर में भारतीय सेना ने 'एक्सरसाइज अखंड प्रहार' के तहत अद्वितीय सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया। यह अभ्यास आत्मनिर्भरता की भावना को उजागर करते हुए स्वदेशी तकनीकों की प्रभावशीलता को प्रमाणित करता है। जानिए इस महत्त्वपूर्ण अभ्यास के बारे में और अधिक जानकारी।

Key Takeaways

  • भारतीय सेना की अद्वितीय सैन्य क्षमता
  • स्वदेशी तकनीकों का प्रभाव
  • सहयोगी संचालन की उत्कृष्टता
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
  • वायुसेना और थलसेना का तालमेल

नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना ने जैसलमेर के रेगिस्तानी क्षेत्र में अपनी सैन्य क्षमता का एक शानदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान ड्रोन, मानवरहित प्रणालियां, एंटी-ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ग्रिड का प्रदर्शन किया गया।

भारत में निर्मित ये स्वदेशी हथियार और तकनीक ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को और मजबूती प्रदान करते हैं। यहां ‘एक्सरसाइज अखंड प्रहार’ के तहत कोणार्क कोर की संपूर्ण स्पेक्ट्रम युद्ध क्षमता का सफल परीक्षण किया गया, जिसमें थलसेना की विभिन्न शाखाओं और सेवाओं का समन्वित संचालन शामिल था।

इस अभ्यास में मैकेनाइज्ड और इन्फैंट्री युद्धाभ्यास, ‘रुद्र ब्रिगेड’ द्वारा भूमि अभियानों का प्रदर्शन, स्पेशल हेलिबोर्न ऑपरेशन्स और आर्मी एविएशन के अटैक हेलीकॉप्टर मिशनों का समन्वय किया गया। इस दौरान भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना के बीच अद्वितीय तालमेल का प्रदर्शन भी देखने को मिला।

गुरुवार को भारतीय सेना ने बताया कि यहां वायुसेना के फाइटर ग्राउंड अटैक मिशन ने थलसेना की अग्रिम टुकड़ियों को निकटतम हवाई समर्थन प्रदान किया। इस अभ्यास में स्वदेशी तकनीकों का वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में परीक्षण किया गया। ‘अखंड प्रहार’ ने कोणार्क कोर की आधुनिक, फुर्तीली और नेटवर्क-सक्षम क्षमता को उजागर किया है।

इसने रूपांतरण की दिशा में उसकी भविष्य-तत्परता को और दृढ़ किया। साथ ही यह स्पष्ट किया कि सेना अब तेज गति वाले अभियानों के लिए पूरी तरह तैयार है। अभ्यास के समापन पर आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने सभी प्रतिभागी सेनानियों, गठन और इकाइयों की पेशेवर दक्षता, नवाचार और संयुक्त परिचालन उत्कृष्टता की सराहना की।

उन्होंने कहा कि यह अभ्यास दक्षिणी कमान की साझेदारी, तकनीकी आत्मसात और परिचालन उत्कृष्टता की भावना को मूर्त रूप देता है। भारतीय सेना का मानना है कि ‘एक्सरसाइज अखंड प्रहार’ ने भारतीय थलसेना की परिचालन उत्कृष्टता, संयुक्त बल एकीकरण और सटीक युद्ध क्षमता के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की है।

भारतीय थलसेना की दक्षिणी कमान ने त्रि-सेवा अभ्यास ‘त्रिशूल’ के तहत रेगिस्तानी क्षेत्र में ‘एक्सरसाइज अखंड प्रहार’ का सफल आयोजन किया है। इस महाअभ्यास के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान ने कोणार्क कोर की परिचालन तत्परता की समीक्षा की।

Point of View

तो यह जरूरी है कि हम अपने सामर्थ्य को समझें और विश्व स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करें। इस प्रकार के अभ्यास से हमें अपनी सैन्य क्षमता को और बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

एक्सरसाइज अखंड प्रहार क्या है?
यह एक सैन्य अभ्यास है जिसमें भारतीय सेना की विभिन्न शाखाओं के समन्वित संचालन का परीक्षण किया जाता है।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इसका मुख्य उद्देश्य स्वदेशी तकनीकों की प्रभावशीलता को प्रमाणित करना और सैनिकों की तैयारी को बढ़ाना था।
क्या इस अभ्यास में वायुसेना शामिल थी?
हाँ, इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और थलसेना को निकटतम हवाई समर्थन प्रदान किया।